आज टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की 36वीं सालगिरह है। सबसे सफलतम भारतीय कप्तानों में से एक धोनी न सिर्फ बेहतरीन मैच फिनिसर हैं बल्कि सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर भी हैं। Happy birthday Dhoni: "कभी सोचा भी न था कि मैं रो पडुंगा"
भारतीय क्रिकेट में अगर विकेटकीपर की बात करें तो दो नाम सबसे पहले ज़हन में आते हैं, एक फ़ारुख इंजीनियर और दूसरा सय्यद किरमानी। इंजीनियर और किरमानी दोनों की विश्वस्तरीय विकेटकीपर रहे हैं लेकिन पिछले एक दशक में एक ऐसा नाम सामने आया जिसने इन दोनों को पीछे छोड़ दिया और वो है महेंद्र सिंह धोनी। कहा जाता है जिस फ़ूर्ती के साथ धोनी विकेटकीपिंग करते हैं वो अब तक कोई भारतीय विकेटकीपर नहीं कर पाया। धोनी ने बल्ले से तो कारनामे दिखाए ही हैं विकेट कीपिंग से कुछ कम कमाल नहीं किया है। अब सवाल उठता है कि बतौर विकेटकीपर धोनी ने ऐसे क्या कारनामें दिखाए हैं जो उन्हें भारत के पूर्व विकेटकीपरों से एक पायदान ऊपर रखते हैं?
विश्व कप टी20 2016 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ और 1990 के दशक में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच में अंतिम गेंद पर विरोधी टीम को जीतने या मैच ड्रॉ कराने के लिए एक रन की ज़रुरत थी और दोनों मौक़े पर विकेटकीपर धोनी ने पासा पलट दिया।
1990 के दशक में भारत- पाकिस्तान के बीच ज़बरदस्त मुकाबला चल रहा था। पाकिस्तान को अंतिम गेंद पर जीत के लिए एक रन की ज़रुरत थी। बॉलिंग कर रहे थे वेंकटेश प्रसाद और बल्लेबाजी छोर पर थे सकलेन मुश्ताक। अंतिम गेंद फेंकने आए प्रसाद ने रन अप पूरा लिया और गेंद नहीं फेकी। इससे
सकलेन का ध्यान भंग हुआ। प्रसाद ने अगली बॉल पर सकलेन को बीट कर दिया लेकिन फिर भी सकलेन रन के लिए दौड़े। लेकिन भारतीय टीम का विकेटकीपर विकटों के बीच चपलता नहीं दिखा पाए और बल्लेबाज को रन आउट करने में असफल रहे। अंततः पाकिस्तान ने यह मैच 1 विकेट से जीत लिया।
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