ब्रायन लारा क्यों है वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट पर शर्मिंदा..?
“मुझे समझ में नहीं आता कि बल्लेबाज़ आउट होने के बावजूद क्यों क्रीज़ पर जमे रहना चाहते हैं...क्यों एक ही पारी में दो बार बैटिंग करना चाहते हैं जबकि विरोधी टीम अपना पसीना बहा रही है...?”
विश्व क्रिकेट के महान बल्लेबाज़ों में से क वेस्ट इंडीज़ के ब्रायन लारा ने लंदन में एमसीसी स्प्रिट ऑफ़ कॉड्री लेक्चर 2017 में कई सनसनीख़ेज़ और दिलचस्प ख़ुलासे किए हैं। अपने लेक्चर के दौरान लारा ने वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट के उस दौर का भी ज़िक्र किया जिस पर उन्हें फ़ख़्र बिल्कुल नही है...बल्कि शर्मिंदगी मेहसूस करते हैं। लारा ने कहा कि वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट का एक वो भी दौर था जिस पर उन्हें गर्व नही है। उन्हों ने कहा कि ये वो दौर था जब वेस्ट इंडीज़ का दबदबा हुआ करता था और वह सिरीज़ में पिछड़ती नहीं थी लेकिन 1988 में जो हुआ वो शर्मसार करने वाला था। पाकिस्तान वेस्ट इंडीज़ के दौरे पर थी और उसने गयाना टेस्ट आसानी से जीत लिया था।
लारा के अनुसार उन्हें कोई परशानी नहीं थी क्योंकि वेस्ट इंडीज़ ने बारबाडोस में अगला टेस्ट ड्रॉ करवा लिया था लेकिन पाकिस्तान अभी भी सिरीज़ में 1-0 से आगे थी। तीसरे टेस्ट के पांचवे दिन जेफ़्री ड्यूजॉन पुछल्ले बल्लेबाज़ों के साथ टीम को जिताने के लिए संघर्ष कर रहे थे। तभी अब्दुल क़ादिर की बॉल पर ड्यूजॉन के ख़िलाफ़ बेट-पैड कैच की ज़ोरदार अपील हुई। अंपायर सहमत भी थे क्योंकि उन्होंने अंगली उठा दी थी लेकिन साथ ही सिर हिलाकर नॉटआउट भी कह दिया। इस फ़ैसले से पाकिस्तान का दिल टूट गया। हालंकि मैं उस मैच में नहीं खेल रहा था लेकिन मुझे शर्मिंदगी मेहसूस हुई।
लारा ने कहा- “मुझे समझ में नहीं आता कि बल्लेबाज़ आउट होने के बावजूद क्यों क्रीज़ पर जमे रहना चाहते हैं...क्यों एक ही पारी में दो बार बैटिंग करना चाहते हैं जबकि विरोधी टीम अपना पसीना बहा रही है...?”
जब विवियन रिचर्ड्स ने फेंका लारा का क्रिकेट बैग ड्रेसिंग रुम से बाहर
इसी तरह एक और घटना का ज़िक्र करते हुए लारा ने कहा कि 1990 में इंग्लैंड वेस्ट इंडीज़ के दौरे पर थी। इंग्लैंड की टीम में न तो इयान बॉथम थे और न ही डेविड गॉवर इसलिए उसके जीतने की कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन जमैका में पहला टेस्ट जीतकर उसने सभी को चौका दिया हालंकि तब भी सबको विश्वास था कि इंग्लैंड ये जीत फिर नहीं दोहरा सकती।
लारा ने कहा कि गयाना टेस्ट बारिश में धुल गया और 1-0 की बढत के साथ इंग्लैंड तीसरे टेस्ट के लिए त्रिनिदाद पहुंची। कप्तान ग्राहम गूच ने ग्रीन विकेट पर टॉस जीतकर वेस्ट इंडीज़ को पहले बल्लेबाज़ी को कहा। लंच तक मेज़बान टीम ने पांच विकेट सिर्फ़ 29 रन पर खो दिए। पांचवे दिन इंग्लैंड बहुत मज़बूत स्थिति में थी तभी बारिश आ गई और एक सेशन का खेल नहीं हो पाया लेकिन तब भी इंग्लैंड के पास छोटा सा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए काफी समय था। लेकिन एक तरफ जहां ग्राउड स्टाफ़ ने मैदान में गीली जगहों को सुखाने में समय ज़ाया किया वहीं वेस्ट इंडीज़ के बॉलर्स ने एक घंटे में सिर्फ 7 ओवर फेंके। मैं इस मैच में भी बाहर था। मैच ड्रॉ हो गया।
लारा के मुताबिक बारबाडोस टेस्ट में भी बेईमानी की गई। रॉब बैली को विकेट के पीछे कैच आउट दिया गया वो भी अंपायर से ज़बरदस्ती अंगुली उठवाकर। ये मैच भी ड्रॉ हो गया लेकिन तब तक इंग्लैंड का खेल पर से विश्वास उठ चुका था। लारा ने कहा कि वेस्ट इंडीज़ ने अगले दो टेस्ट जीतकर सिरीज़ 2-1 से जीत ली लेकिन मेरे लिए ये खेल का सबसे दुखभरा पल था।
लारा ने दिसंबर 1990 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट करिअर का आग़ाज़ किया था और 2006 में पाकिस्तान के ही ख़िलाफ़ आख़िरी टेस्ट मैच खेला था। 16 साल के करिअर में लारा ने 131 टेस्ट में 11953 रन बनाए। इसमें 34 शतक और 48 अर्धशतक शामिल हैं। 400 नाबाद उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। 299 वनडे में उन्होंने 10405 रन बनाए जिसमें 19 शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं। 169 उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था।