जानिए क्यों श्रीलंका के रसेल से भिड़ बैठे थे सौरव गांगुली, जिससे द्रविड़ को करना पड़ा बीच-बचाव
रविचन्द्र अश्विन ने श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर रसेल अर्नाल्ड से बातचीत की। जिसमें उन्होंने सौरव गांगुली के साथ साल 2002 में हुई एक दिलचस्प झडप के बारे में बताया।
कोरोना महामारी के कारण जहां सभी प्रकार के खेल ठप्प पड़े हुए हैं वहीं दूसरी तरफ सभी खिलाड़ी घर में बैठकर सोशल मीडिया पर फैंस से या फिर आपस में बातचीत करते रहते हैं। जिस कड़ी में टीम इंडिया ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचन्द्र अश्विन ने श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर रसेल अर्नाल्ड से बातचीत की। जिसमें उन्होंने सौरव गांगुली के साथ साल 2002 में हुई एक दिलचस्प झडप के बारे में बताया। जब राहुल द्रविड़ को बीच में आकर दोनों खिलाड़ियों को शांत कराना पड़ा था।
दरअसल, साल 2002 में आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी का फ़ाइनल मैच श्रीलंका के कोलंबो मैदान में खेला जा रहा था। उस सम सौरव गांगुली टीम इंडिया के आक्रामक कप्तान थे। मैदान में उनका रवैया जोश से भरा रहता था। हलांकि चैम्पियंस ट्रॉफी के फ़ाइनल मैच में भारत और श्रीलंका दोनों के बीच ये मैच बारिश के चलते रद्द कर दिया गया था। जिसके चलते दोनों टीमों को ट्रॉफी शेयर करनी पड़ी। मगर इसी बीच मैच में श्रीलंका ने पहले पहले खेलते हुए 50 ओवर में 244 रन बनाए थे जबकि टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज सिर्फ दो ओवर खेल 14 रन बना पाए तभी बारिश आ गई और मैच दोबारा शुरू नहीं हो पाया।
ऐसे में रसेल ने अश्विन के साथ इन्स्टाग्राम पर कहा, '2002 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मैच था, मुझे लगता है कि हम श्रीलंका में खेल रहे थे और हम करीब 200 स्कोर तक पहुंच गए थे, मैंने एक लेट कट शॉट खेला और विकेट पर 2-3 कदम आगे बढ़ाए। अब इस बात को करीब 18 साल हो गए हैं तो मैं ईमानदारी से बताऊंगा। मैं दो-तीन कदम आगे गया था, हर कोई ऐसा करता है। सौरव गांगुली तुरंत आए और कुछ चिल्लाने लगे, उन्होंने मुझे कंफ्रंट किया और कहा पिच के मेन एरिया से छेड़छाड़ मट करो। कुछ हुआ नहीं, फिर द्रविड़ मेरे पास आए और कहा, 'रस, पिच पर डेंजर एरिया में मत दौड़ो।' यह बस बहस थी। जब हम सौरव के साथ खेलते थे तो वो काफी प्रतिस्पर्धी होते थे। उन्हें जवाब देना अच्छे से आता था। उन्हें छेड़ना भी आसान होता था, उनके पास हमेशा जवाब होता था।'
ये भी पढ़ें : आईपीएल 2019 फाइनल को याद कर बोले वॉटसन, थोड़ा सा खून मुझे खेलने से नहीं रोक सकता
रसेल ने इस घटना के बारे में आगे कहा, 'यह अच्छी बहस थी, इससे ज्यादा कुछ हुआ नहीं था, यह सब दायरे में रहकर किया गया था। यह सब खेल भावना के खिलाफ नहीं था। मुझे लगता है इस घटना को बस ज्यादा तूल दे दिया गया था। मैं बस तीन कदम आगे गया था।'
बता दें कि श्ररीलंका के रसेल ने उस मैच में 18 गेंद पर नॉटआउट 18 रन बनाए थे, जबकि सनत जयसूर्या ने 74 रनों की पारी धूआंधार खेली थी। मगर चैम्पियंस ट्रॉफी का ये फ़ाइनल रद्द हो गया था।
ये भी पढ़ें : महेंद्र सिंह धोनी को 'बूढ़ा' कहने पर उनकी माँ ने फैंस को दिया ये करारा जवाब