आमतौर पर क्रिकेट के मैदान पर शांत रहने वाले सचिन तेंदुलकर के बारे में किसी ने नहीं सोचा होगा कि वो किसी की स्लेजिंग करेंगे या फिर किसी को उल्टा जवाब देंगे। अगर कोई खिलाड़ी उनकी स्लेजिंग करता था तो उसका जवाब वो हमेशा अपने बल्ले से ही देते थे, लेकिन एक मौका ऐसा था जब सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा की स्लेजिंग कर उनको लय से भटकाया था और भारत को जीत दिलाई थी।
ये किस्सा खुद सचिन ने क्रिकेट डॉट कॉम के जरिए बताया है। ICC चैंपियंस नॉकआउट ट्रॉफी का यह मैच नैरोबी में खेला जा रहा था, इस मैच में सचिन ने भारत को धुआंधार शुरुआत दिलाई थी। सचिन ने बताया 'आईसीसी चैंपियंस नॉकआउट ट्रॉफी 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच नैरोबी में खेला जा रहा था, मैं उस मैच को कभी नहीं भूल सकता हूं। विकेट काफी नम था और बल्लेबाजी करना आसान नहीं था।'
उन्होंने अपने प्लान के बारे में बताया 'मैकग्रा ने जैसा पहला ओवर डाला, उसके बाद मैंने सौरव गांगुली से बात की और कहा कि मैं मैकग्रा के पीछे जाता हूं। मुझे समझ आया था कि हमें कुछ अलग करना होगा और माइंड गेम खेलना होगा। मैंने उन्हें (मैकग्रा को) एक-दो बातें कहीं, जिससे वो दंग रह गए। मैं उनके खिलाफ शॉट्स खेलने लगा, कुछ शॉट्स रिस्की भी थे।'
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सचिन ने आगे कहा 'प्लान था कि उन्हें गुस्सा दिलाऊं और वो मेरे शरीर पर गेंदबाजी करें, ना कि मुझे आउट करने पर ध्यान दें। हम कुछ मौकों पर चूके, लेकिन मैकग्रा से वो कराया जो हम कराना चाहते थे। मैंने तेजी से 38 रन बनाए, हम जीते थे तो मैं खुश था।'
सचिन तेंदुलकर ने अपनी इस पारी में 37 गेंदों पर 38 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने तीन चौके और इतने ही छक्के जड़े थे। सचिन का प्लान इस मैच में काम आया और मैक्ग्रा को 9 ओवर में एक भी विकेट नहीं मिला, उन्होंने 61 रन खर्चे। युवराज सिंह के 84 रनों के दम पर भारत ने इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के सामने 265 रन का लक्ष्य दिया था जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया 245 रन पर सिमट गई। भारत ने यह मैच 20 रन से जीत लिया।
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