मैनचेस्टर। पिछले साल न्यूजीलैंड दौरे के दौरान जब इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर पर नस्ली टिप्पणी की गयी तब उनके साथी जेम्स एंडरसन यह सोचने पर मजबूर हो गये कि क्या वह रंग के कारण किसी खिलाड़ी पर की जाने नस्ली टिप्पणी पर मुंह फेरने का दोषी है। अमेरिका के एक पुलिसकर्मी द्वारा अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जार्ज फ्लॉयड की मौत के बाद खेल समुदाय भी नस्ली भेदभाव के खिलाफ वैश्विक अभियान में शामिल हो गया है।
एंडरसन न्यूजीलैंड के उस दौरे पर नहीं गये थे लेकिन उन्होंने कहा कि जब आर्चर ने खुलासा किया कि इस दौरे के एक दौरान दर्शकों ने उन पर नस्ली टिप्पणियां की थी तो उन्होंने आत्ममंथन किया था।
उन्होंने क्रिकबज से कहा,‘‘यह ऐसा मसला है जिस पर एक खिलाड़ी और एक खेल के तौर पर अधिक सक्रिय होने की जरूरत है। इससे मैंने सोचा कि क्या मैंने क्रिकेट मैदान पर नस्लवाद का अनुभव किया है। मुझे ऐसी कोई घटना याद नहीं है। मैं तब न्यूजीलैंड में नहीं था जब जोफ्रा पर नस्ली टिप्पणी की गयी थी।’’
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एंडरसन ने कहा, ‘‘इससे मैं सोचने के लिये मजबूर हो गया कि क्या मैंने इस तरह की बातों से नजर चुरा ली थी। अगर मेरे साथियों के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार होता है तो मुझे सक्रिय रूप से उनका समर्थन करना होगा।’’
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