भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर और हाल ही में संपन्न हुए महिला विश्व कप की स्टार हरमनप्रीत कौर अपनी तूफ़ानी बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर हो चुकी हैं लेकिन एक वक्त वो भी था जब उन पर डोपिंग का शक़ हुआ था।
हरमनप्रीत ने महिला विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ जो पारी खेली थी उसे महिला विश्व कप के इतिहास की बेहतरीन पारियों में गिना जाता है। उन्होंने सेमीफ़ाइनल में 115 बॉलों पर 171 रन बनाए थे और भारत की फ़ाइनल का राह आसान कर दी थी। हरमनप्रीत ने शुरुआत तो धीमी की थी लेकिन फिर ज़बरदस्त स्ट्राइत रेट से रनों का अंबार लगा दिया था।
एक अंग्रेज़ी दैनिक के साथ बातचीत में 28 साल की हरमनप्रीत ने ख़ुलासा किया कि एक बार ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मैच के बाद उन्हें डोप टेस्ट से गुज़रना पड़ा था। दरअसल 2009 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर हरमनप्रीत ने एक ऐसा छक्का लगाया था जो आत भी महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे लंबा छक्का माना जाता है। तब वह 19 साल की थीं। उनका छक्का देखकर क्रिकेट अधिकारी दंग रह गए थे और उन्हें डोपिंग का शक़ हुआ। हरमनप्रीत का डोपिंग टेस्ट हुआ जो निगेटिव निकलाय़ यहां तक कि उनके बैट की भी जांच की गई।
उन्होंने कहा, “वो सिक्सर टर्निंग पॉंइंट था। किसी को यक़ीन नहीं हो रहा था कि कोई लड़की इतना लंबा और ऊंचा सिक्स लगा सकती है। लोगों को शक़ हुआ कि मैंने ताक़त बढ़ाने वाली कोई दवा ली है। मेरा टेस्ट हुआ और मैं बेदाग़ निकली।
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