नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वार्न ने कहा कि वह अपने जमाने में मौजूदा दौर के खिलाड़ियों से ज्यादा क्रिकेट खेलते थे लेकिन फिर भी खुद में सुधार करने में मौका मिल जाता था। मौजूदा दौर की क्रिकेट बिरादरी में यह आम धारणा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीनों प्रारूपों में खेलने वाले खिलाड़ियों को अपने खेल पर काम करने का मौका नहीं मिलता है।
वार्न ने कहा भारत सहित कई देशों में खिलाड़ियों के कार्यभार पर ध्यान दिया जा रहा है। वार्न ने पीटीआई को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘ हम मौजूदा दौर के क्रिकेटरों से ज्यादा खेलते थे। इसमें प्रथम श्रेणी के मैच भी शामिल है लेकिन क्रिकेट खेलने के दिनों की संख्या की बात करें तो हम ज्यादा खेलते थे। आज के दौर में मुश्किल स्थिति यह है कि खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा यात्रा करना होता है और अलग-अलग प्रारूपों से सामंजस्य बिठाना होता है। लेकिन दिनों की संख्या के हिसाब से हम ज्यादा क्रिकेट खेलते थे।’’
वार्न ने इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, विक्टोरिया और हैम्पशर के की टीमों से खेलने का उदाहरण दिया। सीनियर स्तर के क्रिकेट में 1862 विकेट चटकाने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘ मैं विक्टोरिया के लिए मैं शेफील्ड शिल्ड में खेलने के बाद टेस्ट मैच में खेलता था। इसके बार फिर से विक्टोरिया का प्रतिनिधित्व करता था। अब खिलाड़ियों को समय मिल जाता है।’’
वार्न यह मानने को तैयार नहीं थे कि खिलाड़ियों को अपने खेल पर काम करने का समय नहीं मिलता है। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आपको सुधार करना है तो व्यस्त रहने के बाद भी आप समय निकाल लेंगे। अगर आपको लगता है कि यह ठीक है तो आपको समय नहीं मिलेगा। यह एक दिन में नहीं होगा, इसमें समय लगता है। घंटो की मेहनत। इसमें कोई जादू नहीं है।’’
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