अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ब्रिसबेन में खेले गए चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में तीन विकेट से जीत दर्ज कर टीम इंडिया ने 2-1 से सीरीज अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को अपने पास बरकरार रखा। इस शानदार जीत के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी जब वापस भारत लौटे तो उनका भव्य स्वागत किया गया।
आखिर के तीन मैचों में टीम की कप्तानी करने वाले रहाणे जब अपने घर पहुंचे तो वहां लोगों उनके लिए कुछ खास इंतजाम कर रखा था। उनके सोसाइटी के लोगों उनके लिए रेड कार्पेट बिछा रखा था साथ ही एक बड़ा सा केक भी लाया गया था जिस पर कंगारु की आकृति बनी हुई थी।
आपको बता दें कि केक को एक क्रिकेट पिच का आकार दिया गया था। केक के ऊपर एक कंगारू भारतीय तिरंगे को लेकर बैठा हुआ था लेकिन रहाणे को यह पसंद नहीं आया। वह विरोधी टीम का अपमान नहीं करना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने केक काटने से मना कर दिया और कहा कि उसे बांट दिया जाए।
रहाणे के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर उनकी अब जमकर तारीफ हो रही है और लोग उनकी खूब प्रशंसा कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में विराट कोहली ने टीम की कप्तानी की थी। इस मैच में भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में 36 रन के स्कोर ऑलआउट हो गई थी और 8 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। दोनों टीमों के बीच यह मैच एडिलेड में पिंक बॉल से खेला गया था।
वहीं पहले टेस्ट मैच के बाद कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म को लेकर वापस भारत आ गए। इसके बाद बाकी के तीन टेस्ट मैचों में अजिंक्य रहाणे ने टीम इंडिया की कमान संभाली। रहाणे की कप्तानी में टीम ने दो टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की जबकि एक मुकाबला ड्रॉ रहा।
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