On This Day : 20 साल पहले जब लक्ष्मण रेखा के आगे बेबस हुए कंगारू तो भारत ने रचा इतिहास
20 साल पहले टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ और वैंगीपुरप्पु वेंकट साईं लक्ष्मण ( वीवीएस ) लक्ष्मण ने ऐसा कारनाम करके दिखाया था। जिसके बाद से टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का भविष्य बदलता चला गया।
क्रिकेट को इस धरती पर जन्म लिए हुए लगभग 150 साल हो चुके हैं। जिसमें भारतीय क्रिकेट के नाम कई ऐसे सुनहर पल रहे हैं जो फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहते हैं। इतना ही नहीं भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे पल भी आए जिन्होंने देश में क्रिकेट के इतिहास और भूगोल दोनों को बदल कर रख दिया। इसी कड़ी में आज के दिन ( 14 मार्च 2001 ) 20 साल पहले टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ और वैंगीपुरप्पु वेंकट साईं लक्ष्मण ( वीवीएस ) लक्ष्मण ने ऐसा कारनाम करके दिखाया था। जिसके बाद से टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का भविष्य बदलता चला गया।
जी हाँ, आज से 20 साल पहले 2001 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के लिए कोलकाता के ईडन गार्डन्स में विकेट के आगे ऐसी लक्षमण रेखा खींची। जिसे उनके तेज हो या स्पिन या फिर पार्ट टाइम गेंदबाज, सभी भेदने में नाकाम रहे। जबकि दूसरी तरफ द्रविड़ और लक्ष्मण ने अंगद के पैर की तरह क्रीज पर खूँटा गाड़ कर बल्लेबाजी करते हुए इतिहास रच दिया।
दरअसल, साल 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का दूसरा टेस्ट खेला जा रहा था। 11 मार्च से शुरू हुए टेस्ट मैच में 14 मार्च मैच का चौथा दिन था। वहीं दूसरी तरफ भारत की स्थिति बहुत ही नाजुक थी। टीम इंडिया फॉलोऑन पर खेल रही थी। तीसरे दिन के खेल की समाप्ति पर भारत का स्कोर 254/4 था और वह ऑस्ट्रेलिया से अब भी 20 रन पीछे था। ऐसे में सभी को लग रहा था कि अब मैच में कुछ बचा नहीं है और जीत भारत से बहुत दूर है।
वो कहते हैं ना जब हौसले बुलंद हो तो, पहाड़ भी मिट्टी का ढेर लगता है! कुछ इसी तरह का हैसला दिखाया क्रीज पर बल्लेबाजी करते समय टीम इंडिया की द वॉल कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ और वेरी वेरी स्पेशल व ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ स्पेशलिस्ट बल्लेबाज माने जाने वाले लक्ष्मण ने। इन दोनों ने पूरे दिन की बल्लेबाजी में भारत का एक भी विकेट नहीं गिरने दिया और स्कोर 589/4 हो गया। पांचवें विकेट के लिए लक्ष्मण और द्रविड़ 357 रन जोड़ चुके थे। पांचवें दिन कुल 376 रनों की भागीदारी के बाद लक्ष्मण अविश्वसनीय 281 रनों की पारी खेलकर लौटे जबकि द्रविड़ 180 रन बनाकर रन आउट हुए। इस तरह भारत ने अपनी फॉलोआन पारी 657/7 पर घोषित कर दी।
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ऐसे में लक्षमण और द्रविड़ की भारतीय क्रिकेट को सोच बदल देने वाली पारी के दमपर ऑस्ट्रेलिया के समक्ष जीत के लिए लिए 384 रनों का लक्ष्य रखा। जिसके बाद गेंदबाजी में हरभजन सिंह ( भज्जी ) ने वो कर दिखाया जो टेस्ट क्रिकेट इतिहास में उससे पहले कोई भारतीय नहीं कर सका था। भज्जी ने दूसरी पारी में घातक स्पिन गेंदबाजी करते हुए भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की पहली हैट्रिक ले डाली। जिसके चलते टीम इंडिया ने 171 रनों से मैच जीत लिया और ऑस्ट्रेलियाई टीम 68.3 ओवरों में 212 रन बनाकर ढेर हो गई।
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इस तरह पहले द्रविड़, लक्ष्मण की पारी और बाद में भज्जी को हैट्रिक ने टीम इंडिया की टेस्ट क्रिकेट में जीत को सोच को बदल डाला। यही कारण है कि कोलकाता के मैदान में खेले गई द्रविड़ और लक्ष्मण की ये पारी फैंस के दिलों में हमेशा के लिए अमर हो गई।
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