नई दिल्ली। चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी विवो की इस सत्र में आईपीएल के प्रायोजक के तौर पर वापसी होगी क्योंकि उम्मीदों के अनुरूप पेशकश नहीं होने के कारण किसी अन्य कंपनी को अधिकार स्थानान्तरण करने के उसके प्रयास विफल रहे। विवो का भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ प्रायोजन करार 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है।
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पूर्वी लद्दाख में हिंसात्मक झड़पों के बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव को देखते हुए पिछले साल उसका प्रायोजन निलंबित कर दिया गया था।
बीसीसीआई सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ‘‘ड्रीम 11 और अनएकेडमी ने इस साल के लिये जो पेशकश की थी वह विवो की उम्मीदों के अनुरूप नहीं थी इसलिए उसने इस साल स्वयं प्रायोजक बनने और अगले साल संभावनाएं तलाशने का फैसला किया है।’’
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ड्रीम 11 आईपीएल 2020 का ‘टाइटल’ प्रायोजक था। उसने 222 करोड़ रुपये देकर ये अधिकार हासिल किये थे। विवो पांच साल के करार के लिये एक वर्ष में जितनी धनराशि देगा यह उससे लगभग आधी थी।
रिपोर्टों के अनुसार विवो ने 2018 से 2022 तक आईपीएल प्रायोजन अधिकार 2190 करोड़ रुपये में हासिल किये थे।
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