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ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की सीरीज जीत के मायने

सिडनी में खेला गया टेस्ट पांचवें दिन बारिश और खराब मौसम की वजह से ड्रॉ घोषित कर दिया गया।

<p>विराट कोहली</p>- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES विराट कोहली

विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने आज चार टेस्ट मैच की सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की। सिडनी में खेला गया टेस्ट पांचवें दिन बारिश और खराब मौसम की वजह से ड्रॉ घोषित कर दिया गया। इस टेस्ट में टीम इंडिया ने 33 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन दिया था। लिहाजा टीम इंडिया को इस ड्रॉ से थोडी मायूसी जरूर हुई। लेकिन भारत ने पहली बार 71 साल में ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया है। क्योंकि 1947 में भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था।

कप्तान कोहली के लिए सीरीज पर कब्जा करना बड़ी बात है। दरअसल भारत का ये बारहवां ऑस्ट्रेलिया दौरा था। टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल करना कभी भी आसान नहीं रहा। वैसे इस दौरे के शुरू होने से पहले टीम इंडिया को फेवरेट माना जा रहा था लेकिन पहले दो टेस्ट में टीम इंडिया अपने नाम के मुताबिक नहीं खेल पाई। पहले टेस्ट में भारत 31 रनों से जीत गया लेकिन दूसरे टेस्ट में पेन की टीम ने विराट की टीम को हराकर सीरीज बराबर कर दी लेकिन तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने दोनों ओपनर को बाहर कर नए चेहरे से पारी की शुरुआत करवाई और टीम की कायापलट हो गई और रही सही कसर टीम में शामिल किए बांयें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा ने कर दी। टीम इंडिया ने दमदार खेल दिखाकर तीसरे टेस्ट शानदार जीत हासिल की। 

कनार्टक के बैंगलोर में जन्मे मयंक अग्रवाल बतौर ओपनर टीम में शामिल किए गए और उन्होंने अपने पहले टेस्ट की दमदार शुरुआत की और तीसरे टेस्ट में मयंक ने पहली पारी में शानदार हाफ सेंचुरी लगाकर टीम को शानदार आगाज दिया। चौथे टेस्ट की भी उन्होंने 77 रन की पारी खेली।  मयंक अग्रवाल ने दो टेस्ट की तीन पारियों में 195 रन बनाए। उनका औसत 65 रनों का रहा । मयंक ने उन्नीस चौके और पांच छक्के भी लगाएं । टेस्ट मैच में उनके पांच छक्के लगाने से उनके टेम्परामेंट की काफी सराहना हो रही है।      

चेतेश्वर पुजारा एक बार फिर भरोसेमंद साबित हुए। पुजारा ने चार टेस्ट में तीन शानदार शतक और एक हाफ सेंचुरी की मदद से 521 रन बनाए। आखिरी टेस्टे में पुजारा दोहरे शतक से चूक गए लेकिन चार टेस्ट की सीरीज में उनका औसत 74.42 रनों का रहा। उनकी बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज इयान चैपल इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने पुजारा को कोहली के साम्राज्य का सबसे अनमोल रत्न बता दिया। चैपल ने कहा कि पुजारा ने अकेले दम पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को इतना थका दिया कि टीम के बाकी बल्लेबाजों ने जमकर स्कोर किया। पुजार की कामयाबी का राज रहा क्रीज पर टिक कर खेलना उन्होंने चार टेस्टों में 1867 मिनट में 1258 गेंदों का सामना किया और ऑस्ट्रेलियाई अटैक की कमर तोड़ दी। 

चार मैचों की सीरीज में आखिरी टेस्ट में कुलदीप यादव को मौका दिया गया जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया। कुलदीप यादव की चाइना गेंद के सामने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज असहाय दिखे। उन्होंने 99 रन देकर ऑस्ट्रेलिया के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। कुलदीप ने अपने दमदार प्रदर्शन से टीम मैंनेजमेंट को सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि टेस्ट टीम उन्हें लंबे समय तक बाहर नहीं रखा जा सकता है। वहीं रविंद्र जडेजा ने भी गेंद और बल्ले से चमकदार खेल दिखाया। जडेजा ने दो मैच में  7 विकेट लिए और सिडनी टेस्ट की पहली पारी में 81 रन बनाए और एक बार फिर साबित कर दिया कि वो टीम के लिए कितने उपयोगी ऑल राउंडर हैं। 

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऐतिहासिक में जीत अगर किसी ने अपना लोहा मनवाया तो वो हैं विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत। पंत ने विकेट के पीछे और आगे दोनों फ्रंट पर दमदार प्रदर्शन किया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने गजब का खेल दिखाया। पंत ने चार टेस्ट में 350 रन बनाए, जिसमें सिडनी टेस्ट में 159 रनों की नाबाद पारी शामिल है, उनका औसत रहा 58.33 का। इसके साथ पंत ने विकेट के पीछे भी 20 कैच लपक कर साबित कर दिया कि उनमें कितना दमखम है। उनके इस प्रदर्शन के बाद क्रिकेट के दिग्गज उन्होंने धोनी के विकल्प के रुप में देख रहे हैं। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने उन्हें गेमचेंजर करार दिया और कहा कि उन्हें वनडे टीम में भी शामिल किया जाना चाहिए। 

बहरहाल, टीम इंडिया को भले ही ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने में 71 साल लग गए लेकिन इस जीत में पुजारा, पंत और मयंक का पंच हमेशा याद किया जाएगा। सीरीज में जीत से एक बात तो साफ है कि टीम इंडिया को पंत और मयंक सरीखे अच्छे प्लेयर मिले है जो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए लंबी रेस का घोड़ा साबित हो सकते हैं। इन उभरते क्रिकेटरों में टीम इंडिया को भरोसा करना होगा ।

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