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Hindi News खेल क्रिकेट इस बांग्लादेशी विकेटकीपर की स्लेजिंग से मैदान पर और आक्रामक हो जाते हैं कोहली

इस बांग्लादेशी विकेटकीपर की स्लेजिंग से मैदान पर और आक्रामक हो जाते हैं कोहली

कोहली ने बांग्लादेश के विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह से विकेटों के पीछे से आ रहे कड़े शब्द उन्हें और आक्रामक अंदाज में खेलने के लिए प्रेरित करते हैं।

Virat Kohli and Mushfiqur Rahim- India TV Hindi Image Source : GETTY Virat Kohli and Mushfiqur Rahim

टीम इंडिया के वर्तमान कप्तान विराट कोहली मैदान पर काफी आक्रामक अंदाज में दिखाई देते हैं। जिसके चलते वो कभी - कभी आप भी खो बैठते हैं और विरोधी टीम के खिलाड़ियों से बहस भी हो जाती है। इतना ही नहीं क्रिकेट के मैदान में विकेटकीपर्स भी अक्सर विरोधी टीम के बल्लेबाजों पर सबसे ज्यादा स्लेजिंग करते रहते हैं। जिस पर कोहली का मानना है कि विकेटकीपर का ये काम उन्हें काफी प्रेरित करता है। कोहली ने बांग्लादेशी क्रिकेट टीम के वनडे कप्तान तमीम इकबाल के साथ फेसबुक के एक लाइव सेशन में बताया कि किस तरह विकेटकीपर्स स्लेजिंग करके उन्हें प्रेरित करते हैं।

विकेटकीपर्स की स्लेजिंग में कोहली ने बांग्लादेश के विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह से विकेटों के पीछे से आ रहे कड़े शब्द उन्हें और आक्रामक अंदाज में खेलने के लिए प्रेरित करते हैं।

विराट कोहली ने बताया, ''कई बार मुशफिकुर रहीम जैसे विकेटकीपर स्टंप्स के पीछे से कुछ कहते  हैं और मैं मोटिवेटिड हो जाता हूं। आपको आत्मविश्वास की जरूरत होती है। मैं मैदान पर कभी भी अपने ऊपर शक नहीं करता।'' लक्ष्य का पीछा करने में माहिर कोहली ने कहा कि बचपन में भारतीय टीम के मैचों को देखकर वे सोचते थे कि वह टीम की जीत में मदद कर सकते थे।

उन्होंने कहा, ''ईमानदारी से कहूं तो जब मैं बच्चा था और भारतीय टीम के मैच देखता था तो उनके हारने के बाद सोते समय सोचता था कि मैं मैच जीत दिला सकता था। अगर मैं 380 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा हूं तो मैं कभी महसूस नहीं करता कि इसे हासिल नहीं किया जा सकता।''

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बता दें कि 31 साल के विराट कोहली के रन चेज के मामले में भारत को कई मैच जीताए हैं। भारत की तरफ से टारगेट का पीछा करते हुए विराट कोहली ने 142 मैचों में 68.33 के औसत से 7,039 रन बनाए हैं।

जिस पर कोहली ने कहा, ''पीछा करना एक ऐसी स्थिति है जिसमें आप जानते हैं कि कितना स्कोर करना है और कैसे रन बनाना है। इससे अधिक स्पष्ट स्थिति नहीं है। टारगेट का पीछा करने में मैं दवाब महसूस नहीं करता। मैं इसे एक मौके की तरह लेता हूं। मैं कोशिश करता हूं कि आउट ना होऊं और टीम को जीतते हुए देखूं।''

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