VIDEO: राज्यसभा में बोलने नहीं दिया तो सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर पढा अपना भाषण
2012 में सांसद मनोनीत होने के बाद सचिन का राज्यसभा में ये पहला भाषण होता लेकिन हंगामे के चलते ये हो न सका. आज सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर अपना वो भाषण पढ़कर सुनाया जिसे वह राज्यसभा में देना चाहते थे.
गुरुवार को राज्य सभा में सितन तेंदुलकर पहली बार भाषण देने वाले थे लेकिन टू-जी पर सीबीआई की विशेष अदालत के फ़ैसले पर विपक्ष के ज़ोरदार हंगामे के कारण उन्हें बोलने नहीं दिया गया था. 2012 में सांसद मनोनीत होने के बाद सचिन का राज्यसभा में ये पहला भाषण होता लेकिन हंगामे के चलते ये हो न सका. आज सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पर अपना वो भाषण पढ़कर सुनाया जिसे वह राज्यसभा में देना चाहते थे.
सचिन ने अपने भाषण में स्वास्थ से लेकर खेल तक के विषयों पर अपने विचार रखे. सचिन ने कहा कि हमारे देश में मधुमेह, मोटापे जैसी अनेक बीमारियों का असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है और हम विकास नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए खेल को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि लोग तंदुरुस्त रह सके.
महान बल्लेबाज़ ने कहा कि जो खिलाड़ी पढ़ रहे होते हैं और राज्य या देश के लिए खेलते हैं, उन्हें परीक्षा में अतिरिक्त अंक दिए जाने चाहिए.
ग़ौरतलब है कि इससे पहले सचिन को राज्यसभा में उनकी गैर मौजूदगी पर भी सवाल उठते रहे हैं. पिछले कुछ सत्रों में सचिन और अभिनेत्री रेखा के अनुपस्थिति का मुद्दा उठता रहा है. पिछले सत्र में नरेश अग्रवाल ने कहा था कि जब सचिन और रेखा सदन में आते ही नहीं हैं, तो क्यों नहीं उनकी सदस्यता रद्द कर उन्हें सदन से निकाल दिया जाए. आपको बता दें कि सचिन और रेखा की उपस्थिति काफी कम रही है. नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर हम विजय माल्या को सदन से निकाल सकते हैं तो इन्हें क्यों नहीं.
सचिन तेंदुलकर और रेखा दोनों ही 2012 में सदन में मनोनीत हुए थे. जिसके बाद करीब 348 दिनों में सचिन सिर्फ 23 दिन और रेखा मात्र 18 दिन ही सदन में आईं. अब हाल ही में भी मानसून सत्र में भी दोनों उपस्थित नहीं रहे हैं.
समाजवादी पार्टी नेता जया बच्चन ने सचिन के भाषण के दौरान कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जिसने देश का नाम कमाया, उसे ही बोलने नहीं दिया गया. क्या स्पोर्ट्सपर्सन और आर्टिस्ट को सदन में बोलने नहीं दिया जाएगा. मुझे ऐसा लगता है कि सचिन इसको लेकर अपसेट हैं, कांग्रेस को सचिन को सदन में बोलने देना चाहिए था.
बहस के दौरान सचिन देश में खेल और खिलाड़ियों को लेकर व्यवस्था, ओलंपिक की तैयारियों और किस तरह भारतीय खिलाड़ी दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन कर सकते है इस पर अपने विचार रखने थे. इसके अलावा सचिन इस बात पर भी अपनी आवाज़ उठा सकते हैं कि जो खिलाड़ी देश के लिए मेडल जीतते हैं, उन्हें रिटायरमेंट के बाद काफी कम पैसा मिलता है. सचिन स्कूली शिक्षा में खेल को एक सिलेबस के तौर पर पेश किए जाने की भी बात करनी थी.
सचिन तेंदुलकर ने राज्यसभा सांसद के तौर पर महाराष्ट्र के एक गांव को गोद लिया है. इस गांव को नाम है दोंजा. अभी हाल ही में वे इस गांव में पहुंचे भी थे. दोंजा में सचिन ने घोषणा की वे गांव के लिए 4 करोड़ रुपये देंगे. सचिन ने ये धनराशि सांसद निधि से देने की बात कही. आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत ये सचिन का दूसरा गांव था.
आपको बता दें कि इस समय राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्य हैं जिनमें सचिन तेंदुलकर, रेखा, अनु आगा, संभाजी छत्रपति, रूपा गांगुली, नरेंद्र जाधव, एमसी मैरीकॉम, के पारासरन, गोपी सुरेश, सुब्रमण्यन स्वामी और केटीएस तुलसी शामिल हैं.