भारत के लिए 150KMPH से अधिक की स्पीड से गेंद फेंकने वाले वरुण एरोन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। गेंदबाजी में निरंतरता और फिटनेस के चलते वह भारतीय टीम से लगातार बाहर होते रहे। एरोन ने भारत के लिए अभी तक 9 टेस्ट और इतने ही वनडे मैच खेले हैं। अपने छोटे से टेस्ट करियर के दौरान उन्होंने साल 2014 में इंग्लैंड के बल्लेबाज स्टूअर्ट ब्रॉड को एक खूनी बाउंसर डाली थी जिसके पीछे की कहानी उन्होंने अब साझा की है। यह मैच इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला गया था।
न्यूजीलैंड के स्पिन गेंदबाज इश सोढ़ी के साथ फेसबुक लाइव पर बात करते हुए ब्रॉड ने इस बाउंसर के बारे में बात करते हुए कहा "मेरी बाउंसर वाली गेंद से पहले ब्रॉर्ड के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर गेंद सीमा रेखा के पार छक्के की ओर गई थी। एक गेंदबाज होने के नाते आप नहीं चाहते कि कोई छक्के लगे, खास कर निचले क्रम के बल्लेबाजों से।"
एरोन ने आगे कहा "अगली गेंद मैंने ओवर द विकेट जाकर डाली और गेंद को तेज फैकने का फैसला किया। मैंने उस गेंद में अपना सब कुछ झोंक दिया था। गेंद उसके हैलमेट पर जाकर लगी और सबसे पहले मैंने यह महसूस किया कि मैं बॉल नहीं देख पा रहा हूं और मैं ओह नो कहने लगा।" बता दें, गेंद ब्रॉड के हैल्मेट में जाकर फंस गई थी।
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एरोन ने इसी के साथ कहा दिन के अंत में आप किसी को चोटिल नहीं करना चाहते हो। एरोन ने कहा "तब मैं उसके पास गया और देखा कि हैल्मेट के बाहर खून गिर रहा है और तब मुझे बहुत बुरा लगा। दिन के अंत में आप कभी किसी को चोट नहीं पहुंचाना चाहते। इनिंग खत्म होने के बाद मैं सबसे पहले इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम में गया और उसे देखा।"
एरोन ने बताया कि जब वह ड्रेसिंग रूप गए तो ब्रॉड के हाथों में बर्फ थी और उनकी नाक टूट गई थी। उसने अगला मैच मास्क पहनकर खेला। वरुण ने कहा "अब इस पर विचार करते हुए मुझे लगता है कि यह बेहतर नहीं था कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी, आप कभी भी किसी को चोटिल नहीं करना चाहते।"
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