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Hindi News खेल क्रिकेट ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के आगे हम कंगले हैं, सैलेरी बढ़ाओ: विराट कोहली

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के आगे हम कंगले हैं, सैलेरी बढ़ाओ: विराट कोहली

BCCI क्रिकेट खेलने वाले देशों में सबसे अमीर बोर्ड है लेकिन इसके बावजूद क्रिकेटर्स अपनी सैलेरी से ख़ुश नही हैं और इसका वे इज़हार भी कर चुके हैं। विराट कोहली का कहना है कि भारतीय क्रिकेटरों को दूसरे देशों के खिलाड़ियों के मुकाबले बहुत कम पैसा मिलता है।

Virat Kohli- India TV Hindi Virat Kohli

नयी दिल्ली: BCCI क्रिकेट खेलने वाले देशों में सबसे अमीर बोर्ड है लेकिन इसके बावजूद क्रिकेटर्स अपनी सैलेरी से ख़ुश नही हैं और इसका वे इज़हार भी कर चुके हैं। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का कहना है कि भारतीय क्रिकेटरों को दूसरे देशों के खिलाड़ियों के मुकाबले बहुत कम पैसे मिलता हैं।

आपको बता दें कि BCCI को 2016-17 के वर्ष में 509.13 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। यही वजह है कि खिलाड़ियों ने पैसे बढ़ाने की मांग की है। रवि शास्त्री ने भी कहा है कि भारत में क्रिकेटर्स की सैलरी दो कौड़ी की है और BCCI को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट से सीखना चाहिए जो अपने खिलाड़ियों को अच्छी सैलेरी देता है।

बीसीसीआई के अधिकारियों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली की तरफ से मांग आई थी जिसमें खिलाड़ियों की सैलरी बढ़ाने के लिए कहा गया था। 

कोहली दूसरे देश के खिलाड़ियों के वेतन से रह गए दंग

दरअसल कोहली को पता चला था कि भारतीय क्रिकेटर्स पैसे के मामले में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बाद चौथे नंबर पर हैं। उसके बाद उन्होंने टीम के सीनियर सदस्यों से बात की और फिर सीओए से मीटिंग के लिए समय मांगा।

शुरुआत में सीओए इस मांग के सामने नहीं झुका क्योंकि उनका तर्क था कि नये कॉन्ट्रैक्ट में पैसे पहले ही दोगुने कर दिए गए हैं।  ए ग्रेड के क्रिकेटर को दो करोड़ रुपये मिलते हैं, जिसमें विराट कोहली और पूर्व कप्तान एमएस धोनी हैं। ग्रेड बी में रिटेनशिप के एक करोड़ और ग्रेड सी में 50 लाख रुपये मिलते हैं।

इसके बाद कोहली ने कहा कि वह और उनके साथी खिलाड़ी कॉन्ट्रैक्ट से खुश नहीं हैं। उन्हें उतने पैसे नहीं मिल रहे, जितने वे चाहते थे। वे अब ग्रेड ए के लिए पांच करोड़, ग्रेड बी के लिए तीन करोड़ और ग्रेड सी के लिए डेढ़ करोड़ रुपए चाहते हैं।

कोहली का तर्क है कि स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और जो रूट जैसे क्रिकेटरों को उनके क्रिकेट बोर्ड ज्यादा पैसे देते हैं। इनके बोर्ड जो पैसे देते हैं, उससे भारतीय क्रिकेटर पैसों के मामले में चौथे स्थान पर खिसक जाते हैं।

​कोहली को मिला कुंबले का साथ

​इस लड़ाई में कोहली के समर्थन में कोच अनिल कुंबले भू कूद गए हैं। कोहली के मुताबिक इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर 10 - 12 करोड़ रुपये कमाते हैं। इनमें रिटेनशिप और मैच फीस शामिल है। भारत के टॉप क्रिकेटर्स की कमाई चार से पांच करोड़ रुपए हैं। इसमें भी रिटेनशिप और मैच फीस शामिल हैं। भारतीय कप्तान ने कह दिया है कि ये स्वीकार करने लायक नहीं है, खासतौर पर ऐसे समय, जब बीसीसीआई की कमाई बहुत ज्यादा है और वे आईसीसी से भी कमाई के बड़े हिस्से की मांग कर रहे हैं।

बीसीसीआई अधिकारी के मुताबिक, ‘कोहली, उनकी टीम और कुंबले बोनस भी चाहते हैं.’ अधिकारी का कहना है कि इन लोगों ने सीओए से कहा है कि दो कॉन्ट्रैक्ट बनाए जाएं. एक टेस्ट के लिए और एक सीमित ओवर्स की क्रिकेट के लिए. दोनों फॉरमेट में ग्रेड ए क्रिकेटर को पांच करोड़ रुपए दिए जाएं.

बीसीसीआई अधिकारी के मुताबिक ये मांग दिलचस्प है और पूरी तरह योजना बनाकर की गई है। कोहली ने तमाम लोगों के हित का ध्यान रखा है. उनकी मांग से टीम में कोई नाराज नहीं है. न ही उन्होंने किसी को खुश करने की कोशिश की है।

उदाहरण के तौर पर धोनी अब सिर्फ वनडे खेलते हैं. वो टेस्ट नहीं खेलते। वो भी पांच करोड़ रुपए के हकदार होंगे। इसी तरह चेतेश्वर पुजारा सिर्फ टेस्ट खेलते हैं। कोहली, रहाणे, अश्विन जैसे खिलाड़ी अगर दोनों फॉरमेट में फॉर्म और टीम में जगह बनाए रखते हैं, तो दस करोड़ रुपए कमा सकते हैं। इसी तरह अगर कोई टेस्ट के ग्रेड ए और वनडे के ग्रेड बी में है, तो उसे 7-9 करोड़ रुपए मिलेंगे।

प्लेयर्स एसोसिएशन बना सकते हैं कोहली 

बीसीसीआई अधिकारी के मुताबिक कोहली प्लेयर्स एसोसिएशन बनाने की भी सोच रहे हैं। दिलचस्प है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक बार कुंबले से खिलाड़ियों की एसोसिएशन बनाने को कहा था। ये ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज की तर्ज पर होने की बात थी।

बहरहाल, सीओए के मुताबिक बीसीसीआई अधिकारियों को ये बात पता है। सीओए ने बीसीसीआई के वर्तमान पदाधिकारियों को 5 अप्रैल के दिन हैदराबाद बुलाया है। सीओए ने क्रिकेटर्स को आईपीएल 10 के खत्म होने तक रुकने के लिए कहा है। सीओए चीफ विनोद राय का कहना है कि इस मुद्दे पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। 5 अप्रैल की मीटिंग का एजेंडा तय हो चुका है।

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