U19 WC IND vs BAN : तीन ऐसे प्रमुख कारण जिनके चलते टीम इंडिया को बांग्लादेश से झेलनी पड़ी हार
टॉस हारने के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने बांग्लादेश के सामने 178 रनों का लक्ष्य रखा। जिसे बांग्लादेश ने बारिश के खलल डालने के बावजूद भी हासिल कर विश्वकप ख़िताब को अपने नाम किया।
साउथ अफ्रीका के पोचेफस्ट्रम में स्थित सेनवेस पार्क मैदान पर बांग्लादेश की अंडर 19 टीम ने भारत को हराकर इतिहास रच दिया। कम स्कोर वाले मैच में बंगलादेशी बल्लेबाजों ने संयम के साथ खेलते हुए धीरे-धीरे लक्ष्य को हासिल किया और जूनियर टीम इंडिया को तीन विकेट से हार का सामना करना पड़ा। जिसके चलते लगातार तीसरी बार विश्वकप जीत का टीम इंडिया का सपना चकनाचूर हो गया।
मैच की बात करें तो टॉस हारने के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने बांग्लादेश के सामने 178 रनों का लक्ष्य रखा। जिसे बांग्लादेश ने बारिश के खलल डालने के बावजूद भी हासिल कर विश्वकप ख़िताब को अपने नाम किया। इस तरह फ़ाइनल मैच में टीम इंडिया के हारने के तीन बड़े कारण निकल सामने आते हैं। जिसके चलते बांग्लादेश ने गतचैम्पियन टीम इंडिया के सपने पर पानी फेर दिया। चलिए जानते हैं वो तीन बड़े कारण:-
बांग्लादेश की कसी हुई गेंदबाजी
बांग्लादेश के कप्तान अकबर अली ने टॉस जीतने के बाद गेंदबाजी करने का फैसला किया। जिसके बाद बंगलादेशी तेज गेंदबाजों शोरिफुल इस्लाम और तंजीम हसन शकीब की जोड़ी ने सटीक लाइन एंड लेंथ के चलते भारत के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल और दियंश सक्सेना को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया और शिकंजा कसते चले गए। इस तरह लगातार डॉट गेंद खेलने से बढ़ते दबाव के कारण दिव्यांश ने शॉट मारा और वो 2 रन के स्कोर पर कैच देकर चलते बने। जिसके बाद तिलक ने यशस्वी के साथ पहले विकेट के लिए जरूर 94 रनों की साझेदारी निभाई मगर वो भी 29वें ओवर में 103 के स्कोर पर चलते बने। जिसके बाद नियमित अंतराल भारत विकेट खोता चला गया और तेज गेंदबाजों के बाद स्पिन गेंदबाज रकीबुल हसन ने भी अपने जाल में बल्लेबाजों को फंसाया, जिससे टीम इंडिया बड़ा स्कोर खड़ा करने में कामयाब नहीं रही और 177 के योग पर ऑल-आउट हो गई। इस तरह मैच में बांग्लादेश के गेंदबाजों का भारतीय बल्लेबाजों पर बोलबाला रहा। जिसको कप्तान प्रियम गर्ग ने भी मैच के बाद स्वीकार और कहा कि हमें कम से कम 200 या उससे उपर का स्कोर बनाना चाहिए था।
बंगलादेशी बल्लेबाज की रिटायर्ड हार्ट होने के बाद वापसी
177 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम के सलामी बल्लेबाज परवेज हुसैन एमोन और तंजिद हसन ने बेहतरीन शुरुआत दिलाई। दोनों के बीच सिर्फ 9 ओवरों के भीतर 50 रन की शानदार साझेदारी हुई लेकिन तभी तंजिद हसन 17 रनों की पारी खेलकर चलते बने उसके बाद 62 रन के योग पर बांग्लादेश को दो झटके लगे। पहले मोहम्मद हसन 8 रन पर आउट हुए उसके तुरंत बाद एमोन ने भी खुद को उलटे पैर में खिंचाव के कारण मैदान से बाहर करने का फैसला किया। जिससे भारतीय खेमें में एक ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। इसके बाद टीम इंडिया ने मैच में शानदार वापसी की और एक समय बांग्लादेश के 65 रन के योग पर चार बल्लेबाज पवेलियन जा चुके थे। तभी बांग्लादेश के 102 रन पर 6 विकेट गिरने के बाद रिटायर हुए परवेज हुसैन एमोन वापस आ गए और 25 रन से आगे खेलते हुए उन्होंने कुल 47 रन की पारी खेलकर टीम इंडिया की झोली से मैच छीन लिया। इस तरह हुसैन के चोटिल होने के बावजूद शानदार पारी खेलने के कारण टीम इंडिया को हार का मूहं देखना पड़ा। जिहोने बांग्लादेश की लड़खड़ाती पारी को अंत में आकर ना सिर्फ संभाला बल्कि जीत की दहलीज तक पहुँचाया।
विकेट टेकिंग गेंदबाज की कमी खली
भारतीय टीम के पास कार्तिक त्यागी, सुशांत मिश्र और आकाश सिंह के रूप में शानदार तेज गेंदबाजी आक्रमण मौजूद था मगर फ़ाइनल मैच में ये तीनो काफी फीके रहे। जो कि भारतीय टीम के हार की एक प्रमुख वजह बना। टीम इंडिया के लिए स्टार स्पिन गेंदबाज रवि बिश्नोई जहां एक तरफ विकेट लेते जा रहे थे वहीं दूसरे छोर से कोई भी गेंदबाज बल्लेबाजों को परेशान करने में नाकाम रहा। जिसके चलते बांग्लादेशी बल्लेबाजों पर दोहरा दबाव नहीं बन पा रहा था। यही कारण था कि बांग्लादेशी बल्लेबाजों को रवि के अलावा दूसरे छोर से खेलने में कोई ख़ास परेशानी नहीं हो रही थी और वो धीमे-धीमे लक्ष्य को ओर बढ़ रहे थे। रवि ने मैच में 10 ओवर के स्पेल में 30 रन देकर 4 विकेट चटकाए मगर अन्य गेंदबाजों के लिए दिन बुरा रहा और वो छोटे स्कोर को बचाने में नाकाम रहे। इस तरह फ़ाइनल मैच में टीम इंडिया को खराब गेंदबाजी के कारण भी कहीं ना कहीं मैच हाथ से खोना पड़ा।