भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने कोच और खिलाड़ियों के बीच मजबूत रिश्ते के लिये आपसी विश्वास के महत्व पर जोर दिया है। बांगर का कहना है कि इससे खिलाड़ियों को अपनी असुरक्षाओं को लेकर कोचों से बात करने में मदद मिलती है।
बांगर ने स्टार स्पोटर्स पर ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ शो में कहा, “आपस में विश्वास बहुत जरूरी है। मानसिक कंडीशनिंग कोच हो सकता है या तकनीकी कोच।’’ उन्होंने कहा,‘‘कोच और खिलाड़ी के बीच ऐसा संबंध होना चाहिये कि खिलाड़ी अपनी असुरक्षाओं के मुद्दे पर कोच से खुलकर बात कर सके और उसे इत्मीनान रहे कि कोच उन दोनों की बात को बाहर लीक नहीं करेगा।" बांगर ने आगे कहा,‘‘कोच मानसिक कंडीशनिंग का भी काम करते हैं क्योंकि वे खिलाड़ियों के साथ काफी समय बिताते हैं और खिलाड़ी उन पर भरोसा करते हैं।’’
47 वर्षीय संजय बांगर ने 2014 से 2019 के बीच करीब पांच साल तक भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच की भूमिका निभाई। संजय बांगर ने भारत के लिए 12 टेस्ट और 15 वनडे खेले हैं जिनमें उनके नाम क्रमश: 470 और 180 रन दर्ज हैं। बांगर के बाद पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और चयनकर्ता विक्रम राठौड़ को भारतीय टीम का बल्लेबाजी कोच बनाया गया। राठौड़ को भारत की ओर से 1996 में 6 टेस्ट और 7 वनडे खेलने का अनुभव है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में क्रिकेट के आयोजन पर रोक लगी है। भारतीय टीम जहां फरवरी के आखिर से क्रिकेट के मैदान से दूर हैं। वहीं, 15 मार्च से कोई भी पेशेवर क्रिकेट मैच नहीं खेला गया। कोरोना के चलते आईपीएल के 13वें सीजन को पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा चुका है। हालांकि देश में चौथे लॉकडाउन की नई गाईडलाइन के तहत क्रिकेट स्टेडियमों और स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स खोलने की इजाजत दे दी गई है। इस फैसले से देश में खेलों की वापसी की एक नई उम्मीद जगी है।
(With PTI Inputs)
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