कोरोना व लॉकडाउन के चलते बिना लक्ष्य के ट्रेनिंग करना काफी हताशा भरा - दिनेश कार्तिक
दिनेश कार्तिक का मानना है कि कोरोना के कारण जब भी ये सोचता हूँ कि अपना अगला मैच कब खेलूँगा तो काफी हताश सा महसूस होने लगता है।
कोलकाता| कोरोना महामारी के कारण जहां सभी खेल ठप्प पड़े हुए हैं वहीं सभी खिलाडी घर पर अपना समय किसी न किसी तरह बिता रहे हैं। इसी तरह लॉकडाउन के चलते घर में काफी लंबे समय से रहने वाले टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक का मानना है कि कोरोना के कारण जब भी ये सोचता हूँ कि अपना अगला मैच कब खेलूँगा तो काफी हताश सा महसूस होने लगता है।
कार्तिक ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ पर कहा, ‘‘लॉकडाउन में शुरुआत में मैं ट्रेनिंग करके खुश था, मैं घर में रहकर खुश लेकिन यह दो हफ्ते, फिर तीन और चार हफ्ते तक बढ़ गया, यह काफी हताशा भरा अहसास था। मुझे नहीं पता कि मैं अपना अगला क्रिकेट मैच कब खेलूंगा, मैं किसलिए ट्रेनिंग कर रहा हूं, कभी कभी यह उबाऊ लगता है।’’
वहीं कार्तिक की पत्नी अंतरराष्ट्रीय स्क्वाश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल भी इसी तरह की स्थिति का सामना कर रही है। इस तरह कार्तिक इन दिनों अपनी अपनी पत्नी से प्रेरणा भी ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद मैंने उसे देखा जो व्यक्तिगत खेल खेलती है, रोजाना जज्बे के साथ तैयारी करना। समान स्थिति, उसे भी नहीं पता कि अगला टूर्नामेंट कब होगा। मुझे महसूस हो रहा है कि क्रिकेट स्क्वाश से पहले शुरू हो जाएगा लेकिन इसके बावजूद वह ट्रेनिंग कर रही है।’’
कार्तिक ने कहा कि कोरोना के प्रकोप के बाद क्रिकेट के दोबारा शुरू होने पर लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लंबे प्रारूप में गेंदबाजों के लिए बड़ी चुनौती होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हां, निश्चित तौर पर यह बड़ी चुनौती होगा। मुझे लगता है कि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टी20 में यह अधिक अंतर पैदा नहीं करेगा लेकिन निश्चित तौर पर यह टेस्ट में बड़ी चुनौती होगा।’’ कार्तिक ने दोहराया कि खिलाड़ी को मैच फिटनेस हासिल करने में कम से कम चार हफ्तों का समय लगेगा और किसी को ट्रेनिंग में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
ये भी पढ़ें - जब तक कोरना की 'वैक्सीन' नहीं बन जाती तब तक क्रिकेट होगा काफी अलग - राहुल द्रविड़
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कम से कम चार हफ्ते का समय लगेगा, विशेषकर गेंदबाजों को क्योंकि उन्हें अभी गेंदबाजी का मौका नहीं मिल रहा, दोबारा 140-150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करना, दिन के अलग-अलग समय, जब गर्मी कम या ज्यादा हो, यह उनके लिए चुनौती होगा, काफी बड़ी चुनौती।’’