टॉस बिना क्रिकेट के ये होंगे फ़ायदे-नुकसान
क्या सिक्का उछाले बग़ैर हम क्रिकेट की कल्पना कर सकते हैं...? शायद नहीं क्योंकि क्रिकेट में सिक्का (टॉस) उतना ही महात्वपूर्ण है जितना फ़िल्म शोले में था। आजकल सिक्का किस करवट लेटता है उसी पर
टॉस ख़त्म करने के नुकसान
टॉस ख़त्म करने के सुझाव का विरोध करने करने कह सकते हैं कि इससे टॉस से जुड़ी आशा, आशंका, जिज्ञासा ख़त्म हो जाएगी और खेल भी नीरस हो जाएगा।
मेज़बान टीम को पहले से ही पिच के बारे में पता होगा और वो उसी के अनुसार रणनीति बनाएंगे। टॉस ख़त्म करने से ऐन वक़्त पर टीम में बदलाव का वो रोमांच भी ख़त्म हो जाएगा जो किसी भी खेल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। मेज़बान टीम सिर्फ उसी मैदान पर असमंजस में हो सकती है जहां की पिच अन्य जगह से एकदम अलग हो।
टॉस ख़त्म करने से नये खिलाड़ियों को भी कम ही मौक़ा मिलेगा। घर में युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन उन्हें किसी देश विशेष के दौरे के लिए टिकट नहीं दिला सकता क्योंकि वहां की पिच घरेलू पिच से एकदम भिन्न होगी और ज़ाहिर हा ऐसे में सिलैक्टर्स कोई जोख़िम नहीं लेना चाहेंगे। यानी टीम का चयन इस आधार पर होगा कि किस देश का दौरा है न कि इस आधार पर कि घरेलू क्रिकेट में कौन खिलाड़ी कैसा खेल रहा है।
अगर ऐसा हुआ तो आने वाले समय में हम स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर, यासिर शाह, करफ़राज़ अहमद, जो रुट, हाशिम आमला, कुमार संगकारा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को शायद न देख पाएं।
टी20 और वनडे की वजह से पहले ही टेस्ट पर ख़तरे के बादल मंडरा रहे हैं ऊपर से अगर टॉस ख़त्म कर दिया गया तो हो सकता है कि बचे कुचे दर्शक मैदान और टीवी सेट से भी मुंह फेर लें।
टॉस ख़त्म होने से दोनों टीमों को बराबरी का मौक़ा मिलने का दावा करने वालों से पूछा जा सकता है कि अगर टॉस अगर ख़त्म हो गया तो उस टीम की क्वालिटी के बारें में क्या कहा जाएगा जो विरोघी टीम को उसी के घर में हराती है?
इस समय घर से बाहर सबसे ज़्यादा मैच जीतने का रिकार्ड साउथ अफ़्रीका का है। ज़रा कल्पना कीजिये कि अगर टॉस न हो तो कौन साउत अफ़्रीका को भाव देगा? कौन सी टीम होगी टेस्ट की नंबर एक टीम...? ICC किस आधार पर टीमों को रैंकिंग देगी...?
और अंत में टेस्ट से टॉस ख़त्म करना दुधारी तलवार के समान है। इससे पिच को लेकर नयी बहस छिड़ जाएगी. टेस्ट में पिच बहुत मायने रखती है। होम टीम को अगर लगा कि मेज़बान टीम को पिच का फ़ायदा हो सकता है तो वह निर्जीव पिच बनवा देगी और नतीजतन मैच नीरस हो जाएगा।
बहरहाल क्रिकेट के क़ानून बनाने वाली बॉडी मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने इस आइडिये को फ़ौरन ख़ारिज कर दिया है। उसका कहना है कि टॉस क्रिकेट के खेल का एक अभिन्न अंग है और खेल के सारे नियम पूरी दुनियां में एक समान हैं इसलिए टॉस से संबंधित नियम को बदलने की कोई गुंजायश नहीं है।
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