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Hindi News खेल क्रिकेट हैप्पी बर्थडे दादा, गांगुली हुए 38 के दादा उर्फ़ महाराजा का सफ़र

हैप्पी बर्थडे दादा, गांगुली हुए 38 के दादा उर्फ़ महाराजा का सफ़र

नई दिल्ली: सौरव गांगुली को जब पहली बार भारतीय टीम में लिया गया तो लोगों ने समझा ये महज़ एक पैसेंजर है जो घूम फिरकर वापस आ जाएगा और फिर गुमनामी के अंधेरे में खो

मीडिया की आलोचनाओ से नहीं बचे सके गांगुली-
गांगुली को काउंटी क्रिकेट में durham की ओर से खराब प्रदर्शन और 2002 में नेटवेस्ट फायनल में शर्ट उतारने के कारण मीडिया में आलोचना का सामना करना पड़ा | सौरव ने 2003 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और भारत विश्व कप फायनल में ऑस्ट्रेलिया से हरा। उसी वर्ष बाद में खराब प्रदर्शन के कारण सौरव गांगुली को टीम से निकला गया। सन 2004 में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया

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