इस पूर्व तेज गेंदबाज ने किया खुलासा, धोनी के कप्तान बनने के बाद शुरू हो गया था मेरा बुरा दौर !
आरपी सिंह ने इसके अलावा यह भी बताया कि जब उन्होंने धोनी से अपने खेल में सुधार करने के लिए जब सलाह मांगी थी तो उन्होंने उसका कोई जवाब नहीं दिया था।
साल 2007 टी-20 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे तेज गेंदबाज रूद्रप्रताप सिंह ने 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। आरपी सिंह अपने करियर के शुरुआत में शानदार गेंदबाजी की थी और उन्हें जहीर के विकल्प के तौर पर देखा जाने लगा लेकिन अचनाक से वह टीम से बाहर हो गए और उनका करियर ढलान की ओर मुड़ गया।
हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने भारतीय टीम में वापसी के लिए लगातार कोशिश की लेकिन चयनकर्ताओं का ध्यान उनकी तरफ नहीं गया। संन्यास के लगभग दो साल बाद आरपी सिंह ने आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में टीम से बाहर होने के अपने अनुभव को साझा किया। साथ ही उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ अपने रिश्ते पर भी खुलकर बात की।
यह भी पढ़ें- बॉल टेम्परिंग के विचार पर नेहरा-हरभजन ने किया पलटवार, बोले - थूक और पसीने की जगह नहीं ले सकती वैसलीन
भारत लिए 14 टेस्ट और 58 टी-20 मैच खेल चुके आरपी सिंह ने कहा, ''मैं अपने करियर के सबसे बेहतर दौर में था लेकिन बावजूद इसके मैं टेस्ट और वनडे टीम में अपनी जगह को नहीं बचा पाया। मैंने आईपीएल खेला और मुझे जहां तक पता है कि मैं तीन या चार सीजन में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में था।''
उन्होंने कहा, ''इस तरह के प्रदर्शन के बावजूद मैं टीम में वापसी नहीं कर सका इस पीछे यही कारण हो सकता है कि कप्तान मुझ पर भरोसा नहीं करते थे या फिर मेरा प्रदर्शन बहुत निम्न स्तर का था।''
आपको बता दें कि आरपी सिंह और धोनी काफी अच्छे दोस्त हैं। कई मौके पर दोनों को एक साथ देखा चुका है और दोनों अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने भी एक साथ गए हैं। इसके अलावा आरपी धोनी की कप्तानी में काफी मैच भी खेल चुके हैं।
यह भी पढ़ें- आईपीएल में गौतम गंभीर और वसीम अकरम का मेरे उपर काफी प्रभाव पड़ा – कुलदीप यादव
धोनी की कप्तानी को लेकर आरपी ने कहा, ''मैं और धोनी एक साथ काफी वक्त बिताए हैं। जब वह कप्तान बना तो उसका करियर आगे बढ़ता गया और मेरा नीचे आता गया लेकिन हमारी दोस्ती इससे कम नहीं हुई। हालांकि इस बीच क्रिकेट को लेकर हमारी सोच बिल्कुल अलग-अलग थी।''
आरपी सिंह ने इसके अलावा यह भी बताया कि जब उन्होंने धोनी से अपने खेल में सुधार करने के लिए जब सलाह मांगी थी तो उन्होंने उसका कोई जवाब नहीं दिया था।
उन्होंने कहा, ''मैंने धोनी से पूछा की मैं बेहतर क्रिकेटर बनने के लिए क्या कर सकता हूं। इस पर धोनी ने कहा कि हां तुम बहुत मेहनत कर रहे हो लेकिन किस्मत तुम्हारा साथ नहीं दे रही है।''
वहीं टीम इंडिया के सेलेक्टर को लेकर आरपी सिंह ने कहा कि उन्होंने भी मुझे टीम से बाहर करने का कोई कारण नहीं बताया था। मुझसे सिर्फ इतना कहा कि बस मेहनत करते जाओ। तुम्हारा समय आएगा।