धोनी-सचिन समेत वर्ल्ड कप 2011 फाइनल खेलने वाले ये 8 खिलाड़ी ले चुके हैं संन्यास, तीन खिलाड़ी अभी भी बाकी!
वर्ल्ड कप 2011 के शुरुआती 5 मैचों में पहली गेंद पर चौका लगाकर टीम इंडिया का खाता खोलने वाले विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान 20 अक्टूबर 2015 को किया था।
2 अप्रैल 2011, ये वही तारीख है जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास के पन्नों में सुनहरे शब्दों में दर्ज है। इस दिन भारत ने धोनी ने आखिरी छक्के की मदद से श्रीलंका को वर्ल्ड कप 2011 में मात देकर इतिहास रचा था। इस जीत के साथ भारत ने 1983 के बाद 28 साल का सूखा खत्म कर एकदिवसीय वर्ल्ड कप जीता था। वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में भारत ने अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम को उतारा था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उस प्लेइंग इलेवन में से 8 खिलाड़ी अभी तक संन्यास ले चुके हैं, वहीं तीन ही खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक रिटायरमेंट नहीं लिया है। चलिए जानते हैं 2011 वर्ल्ड कप फाइनल प्लेइंग इलेवन के बारे में-
वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर (रिटायर)
वर्ल्ड कप 2011 के शुरुआती 5 मैचों में पहली गेंद पर चौका लगाकर टीम इंडिया का खाता खोलने वाले विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान 20 अक्टूबर 2015 को किया था। सहवाग ने वर्ल्ड कप 2011 में खेले 8 मैचों में 47 से अधिक की औसत से 380 रन बनाए थे।
वहीं विश्व कप 2011 में दूसरे सबसे ज्यादा रन (482) बनाने वाले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने अपने संन्यास का ऐलान 16 नवंबर 2013 को किया था। सचिन ने उस टूर्नामेंट में 53 से अधिक की औसत से रन बनाए थे। हालांकि वह फाइनल मुकाबले में 18 ही रन बना पाए थे।
गौतम गंभीर (रिटायर)
विश्व कप 2011 की जीत में गौतम गंभीर का अहम योगदान था। फाइनल मुकाबले में गंभीर ने सहवाग और सचिन के आउट होने के बाद 97 रनों की दमदार पारी खेली थी। इस पारी की बदौलत भारत शुरुआती झटकों से उबरकर श्रीलंका द्वारा दिए गए 275 रनों के लक्ष्य तक पहुंचने का साहस जुटा पाया था। बात गंभीर के संन्यास की करें तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को 3 दिसंबर 2018 को अलविदा कहा था।
विराट कोहली (नॉन रिटायर)
सचिन-सहवाग के जल्द आउट होने के बाद एक समय ऐसा लगा था कि भारत वह वर्ल्ड कप नहीं जीत पाएगा, लेकिन तब गंभीर का साथ देने पहुंचे विराट कोहली ने 35 रन की छोटी मगर महत्वपूर्ण पारी खेली थी। कोहली ने गंभीर के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 83 रन जोड़े थे। बात विराट कोहली के करियर की करें तो वह मौजूदा समय में भारतीय टीम के कप्तान हैं।
युवराज सिंह (रिटायर)
वर्ल्ड कप 2011 में अपनी ऑलराउंड परफॉर्मेंस से धमाल मचाने वाले युवराज सिंह भी क्रिकेट अलविदा कह चुके हैं। युवराज सिंह ने अपने संन्यास का ऐलान 10 जून 2019 को किया था। युवराज ने उस विश्व कप में बल्ले से 90 से अधिक की औसत से 362 रन बनाए थे वहीं 15 विकेट भी झटके थे। युवराज को इस लाजवाब परफॉर्मेंस की वजह से मैन ऑफ द टूर्नामेंट के अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। फाइनल मुकाबले में युवराज ने 24 गेंदों पर 21 रन बनाए थे।
महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना (रिटायर)
15 अगस्त 2020 को इन दोनों खिलाड़ियों ने एक साथ संन्यास लेकर हर किसी को हैरान कर दिया था। ये दोनों खिलाड़ी भारतीय मिडल ऑडर की जान माने जाते थे। रैना को जहां वर्ल्ड कप 2011 के क्वाटरफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ जूझारू पारी खेली थी, वहीं फाइनल में धोनी ने 91 रनों की नाबाद पारी से टीम को जीत दिलाई थी। उस वर्ल्ड कप में इन दोनों ही खिलाड़ियों का अहम योगदान था।
जहीर खान मुनाफ पटेल (रिटायर)
वर्ल्ड कप 2011 में भारत के लिए सबसे अधिक 21 विकेट लेने वाले जहीर खान ने क्रिकेट को 15 अक्टूबर 2015 को अलविदा कह दिया था। जहीर ने वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में दो महत्वपूर्ण विकेट लिए थे, वहीं बात मुनाफ पटेल की करें तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास 10 नवंबर 2018 को लिया था। मुनाफ हालांकि श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में एक भी विकेट नहीं ले पाए थे, लेकिन उस टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 11 विकेट चटकाए थे।
हरभजन सिंह और एस श्रीसंत (नॉन रिटायर)
टर्बनेटर नाम से मशहूर भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने भारत के लिए आखिरी मैच 2016 में खेला था, लेकिन अभी तक उन्होंने संन्यास नहीं लिया है। वह अब सिर्फ आईपीएल में ही खेलते हुए दिखाई देते हैं। बात उनके वर्ल्ड कप फाइनल परफॉर्मेस की करें तो भज्जी को दिलशान के रूप में एकमात्र विकेट मिला था।
वहीं टीम के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत भी अभी तक रिटायर नहीं हुए हैं। मुनाफ पटेल की तरह श्रीसंत को भी वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में एक भी विकेट नहीं मिला था। श्रीसंत पर 2013 में मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे जिसके बाद उन्हें बैन कर दिया गया था, 7 साल के बाद अब यह बैन सितंबर में खत्म हो जाएगा। श्रीसंत को अभी भी उम्मीद है कि वह भारतीय टीम में अपनी जगह बना सकते हैं।