स्मिथ का उत्थान और पतन, आधुनिक ''ब्रेडमैन'' से बने क्रिकेट के विलेन
2015 में जब स्टीव स्मिथ (Steve Smith) ने माइकल क्लार्क से कप्तानी की बागडोर अपने हाथों में थामी थी तब उन्होंने कहा था कि वह मर्यादा में रहकर ज़बरदस्त और आक्रामक खेल की ऑस्ट्रेलिया की परंपरा को आगे ले जाएंगे
ई दिल्ली : 2015 में जब स्टीव स्मिथ ने माइकल क्लार्क से कप्तानी की बागडोर अपने हाथों में थामी थी तब उन्होंने कहा था कि वह मर्यादा में रहकर ज़बरदस्त और आक्रामक खेल की ऑस्ट्रेलिया की परंपरा को आगे ले जाएंगे लेकिन 32 महीने के अंदर ही 28 साल के स्मिथ को बहुत बेआबरु होकर न सिर्फ साउथ अफ़्रीका के दौरे के बीच से ही घर लौटना पड़ा बल्कि अब उन पर एक साल का बैन भी लग गया है. उन्हें तीसरे टेस्ट में बॉल टेंपरिंग के आरोप का दोषी पाया गया है. उनके साथ उप-कप्तान डेविड वार्नर पर भी एक साल का बैन लगा है जबकि बल्लेबाज बेनक्राप्ट को खेल से नौ महीने के लिए निलंबित किया गया है.
स्मिथ की हैरान कर देने वाली क्रिकेट की कहानी स्मिथ के उत्थान और पतन की कहानी बहुत रोचक है. हाल ही में ऐशेज़ सिरीज़ में जिस तरह उन्होंने बैटिंग की थी उसे देखकर लोग उन्हें डॉन ब्रेडमैन के बाद सबसे बेहतर बल्लेबाज़ मानने लगे थे.
सिडनी में 1989 में जन्में स्टीवन पीटर डेवरेक्स स्मिथ ने 2008 में न्यू साउथ वेल्स के लिए खेलते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था. तब वह बल्लेबाज़ नहीं बल्कि लेग स्पिनर के रुप में खेलते थे. दो साल बाद ही पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उनका चयन राष्ट्रीय टीम में हो गया जहां उन्होंने आठ नंबर पर बैटिंग की.
टीम से निकाले जाने के बाद फिर की जबरदस्त वापसी
घर में ऐशेज़ सिरीज़ में हार के बाद उन्हें टीम से निकाल दिया लेकिन 2013 में उनकी फिर वापसी हुई. ओवल में स्मिथ ने अपना पहला शतक लगाया. माइकल क्लार्क के घायल होने के बाद स्मिथ को टीम में जगह मिली और उन्होंने इसके बाद शतकों की झड़ी लगा दी. 2014-15 के भारत दौरे पर स्मिथ ने चारों टेस्ट मैचों में शतक लगाए.
2015 के आते-आते स्मिथ को ऑस्ट्रेलिया की कमान मिल गई. उनकी बैटिंग से प्रभावित होकर भूतपूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता रॉडनी मार्श ने कहा था कि स्मिथ अद्भुत प्रतिभा का धनी है जिसके पास नेतृत्व की शानदार क्वालिटी है और उसका स्वभाव भी ग़ज़ब का है. लेकिन एक तरफ जहां स्मिथ की वाहवाही हो रही थी वहीं उनकी कप्तानी को लेकर सवाल भी उठने लगे.
अंपायर के फैसले पर सवाल उठाना भारी पड़ा,DRS मामलें में भी उलझे
2016 में क्राइस्टचर्च में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट मैच के दौरान अंपायर के फ़ैसले पर सवाल करने पर 30 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगा. इसके बाद उन्होंने क़सम खाई कि वह अब बेहतर कप्तान बनकर दिखाएंगे. लेकिन ये क़सम पिछले साल भारत के दौरे पर ही टूट गई जब बैंगलोर टेस्ट के दौरान LBW क़रार दिए जाने के बाद उन्होंने DRS लेने या न लेने के लिए ड्रेसिंग रुम की तरफ देखा और जिसे लेकर उनकी ख़ूब आलोचना हुई. बाद में उन्होंने ये कहकर माफी मांगी की एक पल के लिए "उनका दिमाग़ सुन्न" हो गया था.
जेम्स एंडरसन को बदमाश कहकर आलोचना करकर फंसे
इसके बाद स्मिथ के बर्ताव की वजह से दूसरी टीमों के साथ उनके संबंध ख़राब होते गए. मामला यहां तक पहुंच गया कि 2017-2018 ऐशेज़ सिरीज़ के दौरान इंग्लैंड के बॉलर जैम्स एंडरसन ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को बदमाश तक कह दिया.
ICC की प्रक्रिया पर ही उठा दिया सवाल
साउथ अफ़्रीका के साथ मौजूदा सिरीज़ में स्मिथ ने एक बार फिर सीमा का उल्लंघन तब कर दिया जब ICC ने साउथ अफ़्रीका के बॉलर कगिसो रबाडा की अपील पर उन पर लगा बैन हटा दिया. स्मिथ ने ICC की अपील सुनने की प्रक्रिया पर ही सवाल उठा दिया था. रबाडा पर स्मिथ के साथ भिड़ने पर बैन लगा था जिसके खिलाफ़ उन्होंने अपील की थी. इसी सिरीज़ में उप-कप्तान डेविड वॉर्नर पर भी क्विंटन डि कॉक के साथ भिड़ने पर जुर्माना लगा था.
बॉल टेंपरिंग पर सबकुछ जानते थे स्मिथ फिर भी कुछ नहीं किया
सिरीज़ में जारी बदमज़गी ने तब और विक्राल रुप ले लिया जब स्मिथ शनिवार को टेस्ट के तीसरे दिन बेनक्रॉफ़्ट के साथ प्रेस कॉफ़्रेंस में आए. बेनक्रॉफ़्ट ने स्वीकार किया कि उन्होंने पीले टेप से बॉल की कंडीशन बदलने की कोशिश की. उधऱ स्मिथ ने कहा कि टीम के लीडरशिप ग्रुप को इस बारे (बॉल टेंपरिंग) में मालूम था.
…. और एक साल प्रतिबंध की बड़ी सज़ा का हुआ ऐलान
इस घटना के बाद जहा बेनक्रॉफ़्ट पर मैच का 75 प्रतिशत हिस्से का जुर्माना और तीन डिमेरिट पाइंट मिले वही स्मिथ पर एक मैच का बैन और पूरी मैच फीस का जुर्माना लगा. लोगों के लगा कि ये सज़ा काफी नहीं है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चीफ जैम्स सदरलैंड ने मंगलवार को साउथ अफ़्रीका पहुंचकर घोषणा की कि अगले 24 घंटे में सज़ा का ऐलान किया जाएगा. आज यानी बुधवार को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्मित और वॉर्नर पर 12 और बेनक्रॉफ़्ट पर 9 महीने का बैन लगा दिया.
स्मिथ की नहीं क्रिकेट की साख
स्मिथ के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती न सिर्फ टीम में वापसी करने की होगी बल्कि उससे बड़ी चुनौती अपनी खोई हुई साख को पाने की होगी. जो बदनुमा दाग़ उन पर लग गया है उसे धोना आसान नहीं होगा.