टीम इंडिया की खराब गेंदबाजी के बाद पंड्या का बहाना, बोले लंच के बाद नहीं मिली गेंदबाजों को मदद
पंड्या ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा,‘‘लंच के बाद हमें कोई मदद नहीं मिली।''
लंदन: हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या को लगता है कि दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन लंच के बाद गेंदबाजों को मदद की कमी के कारण इंग्लैंड पूरी तरह से भारत पर हावी रहा। इंग्लैंड ने भारत के 107 रन के जवाब में पहली पारी में छह विकेट पर 357 रन बना लिए हैं और उसकी कुल बढ़त 250 रन की हो गयी है। तीसरे दिन लंच के समय इंग्लैंड की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी। टीम ने 89 पर चार विकेट गवां दिये थे। लंच के बाद 131 रन पर उनका पांचवां विकेट गिरा था। इसके बाद क्रिस वोक्स (नाबाद 120) और जॉनी बेयरस्टॉ (93) के बीच छठे विकेट के लिए 189 रन की साझेदारी से इंग्लैंड ने बड़ी बढ़त हासिल कर ली और भारतीय टीम को मैच में वापसी के लिए किसी चमत्कार की उम्मीद करनी होगी।
पंड्या ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा,‘‘लंच के बाद हमें कोई मदद नहीं मिली। यह समस्या थी। एक गेंदबाजी इकाई के रूप में, हमने कोशिश की लेकिन गेंद ने अचानक स्विंग करना बंद कर दिया और वे (वोक्स और बेयरस्टॉ) मैच को हमारी पकड़ से दूर ले गये।’’
उन्होंने कहा,‘‘ऐसा होता है - मैंने पहले भी टेस्ट में देखा है। आपको चार या पांच विकेट जल्दी मिल जाते हैं और फिर एक साझेदारी हो जाती है। हमारी बल्लेबाजी लाइन-अप के साथ भी ऐसा कई बार हुआ है। यह खेल का एक हिस्सा है।’’
गेंदबाजों के मुफीद हालात में भारतीय टीम पहली पारी में महज 107 रन बना सकी जिस पर पंड्या ने कहा कि वैसे हालात में इंग्लैंड की टीम को भी संघर्ष करना होता। उन्होंने कहा,‘‘उन परिस्थितियों में खेलना मुश्किल था क्योकिं हल्की बारिश हो रही थी और विकेट में नमी था। किसी भी टीम ने लगभग वही स्कोर बनाया होता। आज (शनिवार) परिस्थिति अलग थी। जब हम गेंदबाजी कर रहे थे तो धूप निकली थी। यह आदर्श स्थिति की तरह था, जैसा हम मैच के पहले दिन उम्मीद करते हैं।’’
भारतीय टीम मैच में कुलदीप यादव के रूप में अतिरिक्त स्पिन गेंदबाज के साथ उतरी जबकि जब परिस्थिति तेज गेंदबाजों के मुताबिक थी और ऐसा लगा की तीसरा तेज गेंदबाज टीम की मदद करता। पंड्या ने कुलदीप को खिलाने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा,‘‘जाहिर है इसके पीछे टीम प्रबंधन की कोई सोच रही होगी। अगर यह पांच दिनों का मैच होता तो स्पिनरों की भूमिका अहम होती। बारिश के कारण सबकुछ बदल गया।’’