भारत को अगर जीतना है टी20 विश्वकप तो बांग्लादेश के खिलाफ इन समस्याओं का निकलना होगा हल
ऐसे में बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज से पहले कुछ सवाल टीम इंडिया के मैनेजमेंट के लिए सरदर्द बने हुए हैं। जिसका हल उन्हें इस सीरीज में कहीं ना कहीं निकालना होगा।
इंग्लैंड में खेले गए आईसीसी विश्वकप 2019 में हार के बाद से ही कप्तान विराट कोहली की भारतीय सेना ने अपने कदम अगले मिशन 2020 ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्वकप की ओर बढ़ा दिए थे। जिसके चलते टीम इंडिया इस बार भी अगले साल विश्वकप में जाने से पहले नए-नए खिलाड़ियों को मैदान में उतारकर परखना चाहती है। यही कारण है कि रविवार से शुरू होने बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज, टीम इंडिया मैनेजमेंट के लिए टेस्टिंग सीरीज है। जिसमें टीम इंडिया कप्तान विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, और हार्दिक पंड्या के बिना बांग्लादेश का घरेलू सरजमीं पर सामना करेगी।
ऐसे में बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज से पहले कुछ सवाल टीम इंडिया के मैनेजमेंट के लिए सरदर्द बने हुए हैं। जिसका हल उन्हें इस सीरीज में कहीं ना कहीं निकालना होगा।
बात करें अगले साल टी20 विश्वकप कि तो टीम इंडिया का टॉप आर्डर रोहित, शिखर और कोहली के कारण फिक्स रहेगा। ऐसे में नम्बर चार, पांच और छः यानी मध्यक्रम में कौन सा बल्लेबाज खेलेगा, इसकी पुष्टि नहीं है।
नंबर चार पर श्रेयस अय्यर या मनीष पांडेय, जबकि पांच पर ऋषभ पंत पर भरोसा या कहे अंध विश्वास जताते हुए भी टीम में शायद संजू सैमसन को दूसरे विकेट कीपर बल्लेबाज के तौर पर मौक दिया जाए। ऐसे में पन्त को उपर भेजा जाएगा या वो फिनिशर रोल अदा करेंगे इस पर भी नजर होगी। इतना ही नहीं टीम में मुम्बई के युवा तेज गेंदबाज हरफनमौला खिलाड़ी शिवम् दुबे को शामिल किया है। जिन्हें हार्दिक पंड्या के बैकअप के तौरपर देखा जा रहा है।
गेंदबाजी की बात करें तो नवदीप ने पिछली बार साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में काफी रन खर्च किये थे। ऐसे में उनकी जगह इस सीरीज में शार्दुल ठाकुर को मौका दिया गया है। जिससे उन पर ही टीम मैनेजमेंट की निगाहें होंगी।
जबकि शकीब अल हसन के उपर दो साल का बैन लगने के बाद बांग्लादेश को करार झटका लगा है। ऐसे में उनकी युवाओं से भरी नई टीम भारतीय सरजमीं पर शुरू से ही बैकफूट पर नजर आ रही हैं। हालाँकि टीम इंडिया इन्हें बिलकुल भी हल्के में नहीं लेंगी। मगर सीरीज में जीत के साथ टीम इंडिया को अपने इस सवालों का जवाब भी ढूँढना होगा। जिससे एक बार फिर हमारे कमज़ोर मध्यक्रम के कारण विश्वकप हाथ में आकर अगले साल भी न फिसलने पाए।