भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज प्रज्ञान ओझा ने अंतराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। ओझा ने अपना आखिरी मैच साल 2013 में मुम्बई के वानखेड़े में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। ये मैच क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का भी आखिरी मैच था। जिसके बाद उन्होने भी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। हलांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच की दोनों पारी को मिलाकर ओझा ने 10 विकेट लिए थे जिसके बाद से वो दोबारा कभी टीम इंडिया की टेस्ट टीम से नहीं खेल पाए।
ओझा ने ट्वीटर पर अपने संन्यास के ऐलान करते हुए लिखा कि वो तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट ले संन्यास ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम के लिए खेलना उनका बचपन का सपना था और उन्हें खुशी है कि वह ऐसा कर पाए और देश के फैंस का प्यार और इज्जत हासिल की।
ओझा ने टीम इंडिया के लिए अपने खेलने का श्रेय महेंद्र सिंह धोनी को देते हुए कहा, "'मुझे भारतीय टीम में खेलने का मौका देने के लिए मैं महेंद्र सिंह धोनी का शुक्रिया अदा करता हूं।" सिर्फ अंतराष्ट्रीय क्रिकेट ही नहीं ओझा का नाम इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में भी दर्ज है। वह आईपीएल इतिहास के पर्पल कैप विजेता बनने वाले पहले स्पिनर हैं। उन्होंने साल 2010 के आईपीएल में 21 विकेट लेकर पर्पल कैप अपने नाम की थी। जबकि डेक्कन चार्जेर्स की तरफ से एक बार आईपीएल ख़िताब तो मुम्बई इंडियंस की तरफ से दो बार आईपीएल खिताब जीतने वाली टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं।
गौरतलब है कि प्रज्ञान ओझा ने अपना आखिरी टेस्ट मुंबई में 14 से 16 नवंबर के बीच खेला। जो सचिन तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मैच व 200वां टेस्ट मैच था। इस मैच में ओझा ने पहली पारी में 40 रन देकर पांच विकेट लिए जबकि दूसरी पारी में 49 रन देकर पांच विकेट हासिल किए। हालांकि मैच में दस विकेट लेने के बावजूद उन्हें फिर कभी टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिल सका।
बता दें कि भुवनेश्वर में जन्मे प्रज्ञान ओझा ने टीम इंडिया के लिए 24 टेस्ट, 18 वनडे और 6 टी20 मुकाबले खेले। उन्होंने टेस्ट में 113, वनडे में 21 और टी20 में 10 विकेट अपने नाम किए।
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