अमोल मजुमदार ने किया खुलासा, इस गुरु मंत्र से साउथ अफ्रीका को दिलाना चाहेंगे भारत के खिलाफ सफलता
भारतीय घरेलू क्रिकेट में अमोल मजुमदार ने 11 हजार से अधिक रन बनाए लेकिन टीम इंडिया में उनके लिए जगह कभी नहीं बन पाई।
वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में उसका सूपड़ा साफ़ करने के बाद टीम इंडिया के लिए अगली चुनौती घरेलू सरजमीं पर साउथ अफ्रीका है। हालांकि खतरनाक फॉर्म में चल रही टीम इंडिया की गेंदबाजी को देखते साउथ अफ्रीका बोर्ड ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने भारतीय तेज और स्पिन गेंदबाजों के जाल को भेदने के लिए भारतीय घरेलू क्रिकेट के कभी सितारे रहे अमोल मजुमदार को साउथ अफ्रीका टीम का बल्लेबाजी कोच बनाया है। जिसके चलते कभी कप्तान रवि शास्त्री के समक्ष डेब्यू करने वाले अमोल मजुमदार अब मैदान में उनके सामने होंगे।
भारतीय घरेलू क्रिकेट में अमोल मजुमदार ने 11 हजार से अधिक रन बनाए लेकिन टीम इंडिया में उनके लिए जगह कभी नहीं बन पाई। ऐसे में अब वो भारतीय सरजमीं पर खेलने के लिए साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार है। मिड-डे को दिए साक्षात्कार में अमोल ने कहा, "यह काफी महत्वपूर्ण है की सिर्फ वर्तमान में फोकस किया जाए और एक नई टीम के साथ शानदार शुरुआत की जाए। मेरा लक्ष्य यही है कि वो बेहतरीन खेलें।"
वेस्टइंडीज में 2009-10, न्यूजीलैंड में 2011-12, इंग्लैंड में 2012, श्रीलंका में 2014-15, और ज़िम्बाब्वे में भी 2015 में लगातार टेस्ट सीरीज जीत के आने के बाद साउथ अफ्रीका को भारत के हाथों 2015 में हार झेलनी पड़ी थी। ऐसे में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के नजरिए से महत्वपूर्ण मानी जा रही सीरीज को देखते हुए उसने भारतीय सरजमीं पर फतह हासिल करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
हालांकि अफ़्रीकी टीम हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ घरेलू और घर से बाहर श्रीलंका में भी टेस्ट सीरीज हार चुकी है। ऐसे में अमोल के लिए साउथ अफ्रीका की बल्लेबजी को स्पिन गेंदबाजी के सामने तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। जिस पर उन्होंने कहा, "इस समय भारतीय गेंदबाजी सबसे बड़ी चुनौती है। उनके पास न सिर्फ स्पिन गेंदबाजी बल्कि तेज गेंदबाजी भी काफी कमाल की है। इसलिए हमें दोनों के खिलाफ तैयार होना पड़ेगा।"
अपने रणजी डेब्यू में 260 रनों की मैराथन पारी खेलें वाले मुम्बई के अमोल मजुमदार ने अपनी कोचिंग को लेकर आगे कहा, "मैंने महसूस किया है कि कोचिंग का अंदाज काफी बदल चुका है। बतौर कप्तान आप अपने और टीम को भी उसी अंदाज में खेलने को कह सकते हो मगर जब आप कोच होते हैं तो आप सिर्फ ये देखते हो की खिलाड़ी किस स्थिति में खुद को सहज महसूस कर रहा है। उसकी कमी को बस ठीक करने का प्रयास करते हैं।"
44 साल के हो चुके अमोल ने 2 अक्टूबर से तीन टेस्ट मैचों की शुरू होने वाली सीरीज में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों को दिए जाने वाले मंत्र का खुलासा करते हुए कहा, ""उच्चतम स्तर पर सफल होने के लिए टेम्प्रामेंट (स्वभाव) और तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है। मैं बस साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों को यही दो चीज़ें सिखाने की कोशिश करूँगा।"
बता दें कि अमोल मजुमदार ने भारतीय घरेलू क्रिकेट में 171 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। जिसमें 48.13 की औसत के साथ उन्होंने 11,167 रन बनाए हैं। इस तरह आगामी साउथ अफ्रीका के भारत दौरे पर वो प्रोटीयास टीम के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।