टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने माना, गेंद पर लार बैन करने से होगा बल्लेबाजों को फायदा
टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ का मानन है कि ये बात सही है अगर गेंद पर लार का इस्तेमाल नहीं होता है तो इससे बल्लेबाजों को फायदा होगा।
कोरोना माहामारी के कारण जहां सभी खेलों पर रोक लगी हुई है वहीं सभी खिलाडी घर पर बैठे हैं। ऐसे में क्रिकेट की कर्ता - धर्ता आईसीसी ने कोरोना के बाद क्रिकेट की वापसी पर गेंदबाजों को गेंद चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल ना करने पर बैन लगाने का अपना विचार प्रकट किया है। जिस पर कई क्रिकेट पंडितों और दिग्गजों ने अपनी - अपनी राय रखी है। इसी बीच टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ का मानन है कि ये बात सही है अगर गेंद पर लार का इस्तेमाल नहीं होता है तो इससे बल्लेबाजों को फायदा होगा।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए इंटरव्यू में विक्रम ने कहा, "अगर गेंद पर कुछ नहीं लगाया जाएगा तो बल्लेबाजों को फायदा होगा, लेकिन अगर गेंद पर कुछ लगाया जाता है तो फिर मुकाबला लगभग बराबरी का होगा।"
वहीं राठौड़ ने कोरोना और लॉकडाउन के चलते खिलाड़ियों का पिछले दो से तीन महीने तक खेल से दूर रहना भी एक चिंता का सबब बताया है। जिस पर उनका कहना है कि अचानक से मैदान में उतर कर अपनी टॉप फॉर्म हासिल करना सबसे बड़ा चैलेंज रहने वाला है। जिसे बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, "मुझे ऐसा नहीं लगता। ये दोनों बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए समान रूप से चुनौतीपूर्ण होगा, इस तरह लंबे ब्रेक के बाद अपने चरम पर वापस जाना। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर खिलाड़ी लॉकडाउन के दौरान अच्छी तरह से प्रशिक्षित करने के लिए प्रबंधन कर रहे हैं।"
राठौड़ ने आगे कहा, "ट्रेनर और फीजियो द्वारा सभा खिलाड़ियों की फिटनेस रुटीन की बारीकी से निगरानी की जा रही है। इसलिए, हम उम्मीद कर रहे हैं कि जब भी आउटडोर सत्र शुरू होगा, कुछ हफ्तों के अभ्यास की बात होगी और फिर उन्हें कुछ अभ्यास/घरेलू मैच खेलने के लिए तैयार होना चाहिए और फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना चाहिए।"
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वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या विक्रम राठौर बिना दर्शकों के खेलने के लिए तैयार है? इस पर राठौर ने कहा कि हमारे लिए खेल शुरू होना प्राथमिकता है। उन्होंने अंत में कहा, "क्रिकेट शुरू करने के लिए प्राथमिकता होगी। यदि उस समय अभी भी कोई टीकाकरण उपलब्ध नहीं हैं, तो जो भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है, हमें उसे स्वीकार करना होगा। यदि इसका मतलब है कि खाली स्टेडियमों में मैच खेलने हैं तो ऐसा होना चाहिए। यह आदर्श नहीं है, लेकिन मुझे यकीन है कि खिलाड़ी इसको मैनेज करेंगे।"