तो क्या टीम इंडिया को मिल गया है नंबर चार का दावेदार, जो दिलाएगा टी20 विश्वकप में जीत!
अय्यर ने 29 गेंदों का सामना किया और 200 की तूफानी स्ट्राइक रेट के साथ बल्लेबाजी करते हुए 58 रन ठोंके, जिसमें 5 चौके और 3 छक्के शामिल है।
समझदारी, मजबूती, और आक्रामकता ये तीनो चीज़ें क्रिकेट के खेल में कहें तो मध्यक्रम के बलेबाज की मूल पहचान मानी जाती है। इन तीनों पैमाने पर लगातार खुद को सोलह आने खरा साबित करते आ रहे हैं टीम इंडिया के उभरते बल्लेबाज श्रेयस अय्यर। अय्यर ने अपने टी20 अंतराष्ट्रीय करियर में घर से बाहर पहले मैच में न्यूजीलैंड की धरती पर गेंद को मैदान के सभी कोने में अपने बल्ले से बाहर भेजा। 29 गेंदों में 58 रन की पारी के दौरान उनकी मैच के साथ समझदारी, खुद का विकेट बचाकर खेलने की मजबूती, और निर्भीक होकर जरूरत के अनुसार आक्रामकता के साथ बड़े-बड़े शॉट्स खेलने की क्षमता उन्हें एक परिपक्व मध्यक्रम का बल्लेबाज बनाती है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने ऑकलैंड की ईडन पार्क में सीरीज के पहले टी20 मैच में 204 रनों के विशाल लक्ष्य को एक ओवर शेष रहते हासिल कर लिया। जिसमें कप्तान विराट कोहली 45 और लोकेश राहुल 56 का तो योगदान था ही मगर टीम इंडिया की चार नंबर समस्या को जड़ से उखाड़ फेकने में प्रयासरत श्रेयस अय्यर ने दमदार बल्लेबाजी का नजारा पेश करते हुए मैच को महेंद्र सिंह धोनी के अंदाज में छक्का मारकर जीताया। अपनी पारी के दौरान अय्यर ने 29 गेंदों का सामना किया और 200 की तूफानी स्ट्राइक रेस्ट के साथ बल्लेबाजी करते हुए 58 रन ठोंके, जिसमें 5 चौके और 3 छक्के शामिल है।
इस तरह अय्यर ने टीम इंडिया के लिए पिछले दो-तीन सालों से चली आ रही टीम इंडिया की नंबर चार की समस्या का हल निकाल दिया है। नंबर चार पर मजबूत बल्लेबाज ना होने के कारण ही भारत को साल 2019 में न्यूजीलैंड के हाथों आईसीसी विश्वकप 2019 में कहीं ना कहीं हाथ धोना पड़ा। पिछले दो सालों में नंबर चार पर अंबाती रायुडू, दिनेश कार्तिक, ऋषभ पंत, विजय शंकर, अजिंक्य रहाणे, और के.एल. राहुल जैसे धाकड़ बल्लेबाज अपना दावा पेश करने ने नाकाम रहे। इन सबके बाद टीम इंडिया के मैनेजमेंट ने मुम्बई के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर पर भरोसा जताया जिसके चलते वो टीम इंडिया के पूर्व नंबर चार स्पेशलिष्ट बल्लेबाज युवराज सिंह के बाद अपने कदम जमाते दिख रहे हैं।
सिर्फ टी20 ही नहीं बल्कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 3 मैचों की घरेलु वनडे सीरीज के अंतिम मैच में भी अय्यर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को जीत की दहलीज तक पहुंचाया था। इस मैच में भी उन्होंने 35 गेंदों में नाबाद 44 अन की शानदार पारी खेली थी। जिसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ भी वो मैच में नाबाद ही रहे हैं। ऐसे में मैच के अंत तक नाबाद रह कर खेलने और जीताने की कला से उनमें एक बेहतरीन फिनिशर की भी झलक दिखाई देती है।
अय्यर ने अपनी पारी के दौरान छक्का मारकर मैच जीताने पर महेंद्र सिंह धोनी की तो याद दिलाई ही लेकिन फैंस के दिलों में एक और पारी की याद को ताजा कर दिया। 26 साल पहेल अय्यर की तरह ही न्यूजीलैंड के मैदान में पहली बार सचिन तेंदुलकर टीम इंडिया के लिए ओपनिंग करने उतरे थे। जिस मैच में सचिन ने 48 गेंदों पर 82 रन की धाकड़ पारी खेली थी। इस पारी के बाद से ही सचिन ने टीम इंडिया के ओपनिंग स्लॉट में अपना स्थान पक्का किया और उसके बाद से 20 साल तक क्रिकेट खेला।
ऐसे में अगर श्रेयस अय्यर भी न्यूजीलैंड में खेली दमदार पारी के बाद फॉर्म को जारी रखते हैं तो उन्हें भी महान खिलाड़ी बनने से कोई नहीं रोक सकता है। हालांकि टीम इंडिया के लिहाज से आईसीसी विश्वकप 2019 हारने के बाद और आगामी ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर खेले जाने वाले टी20 विश्वकप से पहले नंबर चार का दावेदार मिल चुका है। कप्तान कोहली अब अय्यर की काबिलियत को देखते हुए उन्हें टीम से बाहर या बेंच पर तो नहीं बिठाना चाहेंगे क्योंकि विश्वकप से पहले जितने मैच ये युवा खिलाड़ी खेलेगा उसका आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा और टी20 विश्वकप जैस बड़े टूर्नामेंट में अय्यर अपनी समझदारी, मजबूती, और आक्रामकता से भारत को विश्वकप भी जीता सकते हैं।