नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोचिंग स्टाफ का कार्यकाल पांच सितंबर से अस्तित्व में आएगा और यह 2021 में होने वाले टी-20 विश्व कप तक कायम रहेगा। कपिल देव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय सीएसी ने मुख्य कोच रवि शास्त्री को अपने पद पर कायम रखा है। वहीं पांच सदस्यीय चयन समिति ने भरत अरुण को गेंदबाजी कोच और आर. श्रीधर को फील्डिंग कोच बनाए रखने का फैसला किया तो संजय बांगर की जगह पूर्व चयनकर्ता विक्रम राठौर को बल्लेबाजी कोच के तौर पर प्रस्तावित किया है। प्रशासकों की समिति (सीओए) सपोर्ट स्टाफ को अपनी मंजूरी जल्दी दे देगी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि नए करार पांच सितंबर से अस्तित्व में आएंगे और तब तक जो भी जरूरी मंजूरी लेनी हैं वो ले ली जाएंगी। भारतीय टीम के भी इसी दिन विंडीज दौरे से लौटने की संभावनाएं हैं।
अधिकारी ने कहा, "सभी तरह की चीजें हो चुकी हैं और अब बस सीओए की मंजूरी बाकी है। एक बार जब यह हो जाएगा तो कोचिंग स्टाफ को अनुबंध सौंप दिए जाएंगे। स्टैंग्थ एंड कंडीशनिंग कोच को लेकर अभी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में उनका परिक्षण जारी है। एक बार यह हो जाए तो सीओए द्वारा सभी तरह के करार एक साथ किए जाएंगे। करार पांच सितंबर से शुरू होंगे इसलिए प्रक्रिया पूरी करने में अभी समय है।"
बल्लेबाजी कोच को लेकर इस दौरान काफी चर्चाएं रहीं। बांगार को नंबर-4 के लिए मजबूत न विकल्प ढूंढ़ने के कारण बाहर जाना पड़ा है।
इस मामले से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि टीम के अंदर ही कुछ लोगों ने बात की थी कि किस तरह से बल्लेबाजों को अपनी गलतियों सुधारने के लिए पूर्व बल्लेबाजों के पास जाना पड़ा।
सूत्र ने कहा, "मैं नाम नहीं लूंगा, लेकिन यह सभी को पता है कि टीम के मौजूदा बल्लेबाजों ने बताया था कि अपने खेल में सुधार करने के लिए किस तरह से उन्हें पूर्व खिलाड़ियों के पास जाना पड़ा था।" विंडीज के खिलाफ खेली जा रही सीरीज से पहले टेस्ट टीम के उप-कप्तान अंजिक्य रहाणे एनसीए में राहुल द्रविड़ के पास गए थे।
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