नई दिल्ली: द.अफ्रीका में विराट की सेना को 3 टेस्ट मैच खेलने हैं। मुकाबले से पहले द.अफ्रीका ने पहले टेस्ट के लिए 15 खिलाड़ियों के नाम का एलान किया है। 15 खिलाड़ियों की इस टीम में रफ्तार के एक से बढ़कर एक सौदागर हैं।
स्पीड,स्विंग और बाउंस के पर्याय बन चुके इन दिग्गजों के सामने अब टीम इंडिया का असली टेस्ट है। टीम इंडिया के लिए हमेशा सिरदर्द रहे डेल स्टेन कंधे की चोट के बाद लौटे हैं और एक बार फिर सबसे बड़ी चुनौती बनने वाले हैं। वहीं हर किसी की नजर इसबार कैगिसो रबाडा पर भी होगी। रबाडा शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और अफ्रीकी पिच पर उनकी कोई सानी नहीं है। फिलेंडर भी टीम इंडिया को परेशान करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वैसे पहले टेस्ट के प्लेइंग इलेवन में डेल स्टेन,मोर्ने मोर्केल,रबाडा और फिलेंडर का चुना जाना भी तय लगता है।
कंधे की चोट की वजह से डेल स्टेन 2017 में मैदान से बाहर रहे। 2016 में पिछले तीन मुकाबले में स्टेन ने 13.90 की औसत से 11 विकेट लिए। वहीं रबाडा ने पिछले एक साल में 11 मैचों में 20.28 की औसत से 57 विकेट लिए। मोर्ने मोर्केल ने पिछले एक साल में 9 मैचों में 23.02 की औसत से 39 शिकार किये। वहीं फिलेंडर ने पिछले एक साल में 9 मैचों में करीब 24 की औसत से 25 विकेट झटके।
वहीं इंजरी के बाद टीम में जगह बनाने वाले ऑल राउंडर क्रिस मोरिस भी विराट के लिए चुनौती बन सकते हैं। वजह ये भी है कि टीम इंडिया पिछले एक साल में घरेलू पिच पर ही क्रिकेट खेली है। मुकाबला अब द.अफ्रीका में है और घरेलू पिच पर रफ्तार के ये सुल्तान भारत के खिलाफ कुछ ज्यादा ही घातक हो जाते हैं।
फिलेंडर 2 मैच में 22.80 की औसत से 10 विकेट। मोर्ने मॉर्केल 6 मैचों में करीब 25 की औसत से 24 विकेट लिए। डेल स्टेन ने 7 मैचों में 21.4 की औसत से 37 विकेट झटके हैं और एकबार फिर इनके रफ्तार का सामना करना टीम इंडिया की चुनौती कठिन है। 5 जनवरी से पहले टीम इंडिया को इनसे भिड़ने की पूरी तैयारी करनी होगी। रफ्तार का सामना करने के लिए वहां के कंडीशन में ढलना होगा।
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