टी नटराजन का हुआ भव्य स्वागत, रथ में बैठाकर निकाली गई यात्रा, देखें वीडियो
टी नटराजन बेंगलुरू गये जहां से वह तमिलनाडु में अपने गांव सलेम गए। नटराजन का उनके पैत्रिक गांव चिन्नापामपट्टी पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।
मुंबई/नयी दिल्ली/हैदराबाद। कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे आस्ट्रेलिया पर विजय हासिल करने के बाद गुरुवार को जब कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ स्वदेश पहुंचे तो वातावरण ‘आला रे आला अजिंक्य आला’ के स्वरों से गूंज उठा लेकिन हैदराबाद में माहौल गमजदा दिखा जब जीत के नायकों में से एक मोहम्मद सिराज सीधे अपने पिता की कब्र पर गए। कप्तान रहाणे और कोच रवि शास्त्री सहित कुछ खिलाड़ी गुरुवार को स्वदेश पहुंचे और उनका यहां जोरदार स्वागत किया गया।
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रहाणे जब अपने आवासीय परिसर में पहुंचे तो पारंपरिक ढोल ताशा बज रहे थे और लोग ‘आला रे आला अजिंक्य आला’ गा रहे थे। जब वह लाल कारपेट पर आगे बढ़ रहे थे तो लोग उन पर पुष्पवर्षा कर रहे थे। रहाणे के अलावा मुख्य कोच रवि शास्त्री, स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा, तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर और सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ भी मुंबई पहुंचे जबकि ब्रिसबेन टेस्ट के नायक ऋषभ पंत तड़के दिल्ली पहुंचे।
सिराज ने अपने पिता के निधन के बावजूद आस्ट्रेलिया में ही टीम के साथ रुकने का फैसला किया था। वह हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे कब्रगाह पहुंचे और अपने पिता मोहम्मद गौस को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही इस तेज गेंदबाज का दो महीने का इंतजार खत्म हुआ। वह आस्ट्रेलिया दौरे पर भारत के शीर्ष गेंदबाज रहे।
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सिराज के 53 साल के पिता का फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के कारण 20 नवंबर को निधन हो गया था। वह आटो रिक्शा चलाते थे। इसके एक हफ्ते पहले ही सिराज भारतीय टीम के साथ अपने पहले दौरे पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे। सिराज को स्वदेश लौटने का विकल्प दिया गया था लेकिन उन्होंने आस्ट्रेलिया में ही रुकने का फैसला किया और सिडनी टेस्ट के दौरान जब राष्ट्रगान बज रहा था तो इस बारे में सोचकर वह काफी भावुक होकर रोने लगे थे। सिराज ने मेलबर्न में दूसरे मैच के साथ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और श्रृंखला में 13 विकेट चटकाए जो किसी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
पहले नेट गेंदबाज के रूप में चुने गये लेकिन बाद में एक दौरे के दौरान तीनों अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों में पदार्पण करने वाले पहले क्रिकेटर बने तेज गेंदबाज टी नटराजन बेंगलुरू गये जहां से वह तमिलनाडु में अपने गांव सलेम गए। नटराजन का उनके पैत्रिक गांव चिन्नापामपट्टी पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। उन्हें माला पहनाई गई और रथ में बैठाकर सड़कों पर उनकी यात्रा निकली जहां लोगों ने बड़ी संख्या में जुटकर अपने नए सितारे की अगवानी की।
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चेन्नई के रहने वाले अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, युवा आलराउंडर वाशिंगटन सुंदर और गेंदबाजी कोच भरत अरुण अभी दुबई में हैं और उनके शुक्रवार की सुबह स्वदेश पहुंचने की संभावना है। रहाणे, शास्त्री, रोहित, शार्दुल और सॉव का मुंबई पहुंचने पर मुंबई क्रिकेट संघ के अधिकारियों ने स्वागत किया जिसमें अध्यक्ष विजय पाटिल और शीर्ष परिषद के सदस्य अजिंक्य नाईक, अमित दानी और उमेश खानविलकर शामिल थे।
रहाणे ने टीम की जीत का जश्न मनाने के लिये केक भी काटा। रहाणे इसके बाद सीधे माटुंगा स्थित अपने आवासीय परिसर में पहुंचे तो वहां के निवासियों ने उनके शानदार स्वागत के लिये भरपूर तैयारियां कर रखी थी। रहाणे के वहां पहुंचने पर ढोल बजने लगे और पुष्पवर्षा होने लगी। रहाणे भी लोगों का यह प्यार देखकर आह्लादित थे।
इनमें से कुछ तो कोविड-19 महामारी के बावजूद मास्क पहनकर हवाई अड्डे पर टीम का इंतजार कर रहे थे। यह बल्लेबाज जब अपने आवासीय परिसर में पहुंचा तो पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया गया। ढोल ताशा अमूमन किसी उपलब्धि का जश्न मनाने या खुशी के मौके पर बजाये जाते हैं। इस दौरान रहाणे की पत्नी और उनकी दो साल की बेटी भी जश्न में शामिल हुए।
कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद भारत ने मंगलवार को ब्रिसबेन में चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हराकर श्रृंखला 2-1 से जीती और इस तरह से बोर्डर-गावस्कर ट्राफी अपने पास बरकरार रखी।