रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब के कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू और उनके साथी रुपिंदर सिंह सिद्धू को दोषी ठहराया है। साथ ही सिद्धू पर एक हजार का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि कोर्ट ने 18 अप्रैल को इस मामले में अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। सिद्धू के वकील आरएस चीमा ने पंजाब सरकार के वकील द्वारा सिद्धू को हत्या का दोषी बताये जाने का विरोध किया था. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर को तीन साल की सज़ा सुनाई थी जिसके ख़िलाफ़ सिद्धू ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी.
अब देखना ये है कि सुप्रीम कोर्ट सिद्धू की सज़ा बरकरार रखेगी या नहीं. गत 12 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान सिद्धू को उस वक्त करारा झटका लगा था, जब राज्य सरकार ने पूर्व क्रिकेटर को रोडरेज की घटना में दोषी करार दिया था.
पंजाब सरकार के वकील ने कहा था कि वर्ष 2006 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से सिद्धू को मिली सज़ा को बरकरार रखा जाए. राज्य सरकार के वकील का तर्क है कि इस मामले में शामिल नहीं होने का सिद्धू का बयान झूठा था. उल्लेखनीय है कि सिद्धू के खिलाफ ग़ैर-इरादतन हत्या का मामला है.
वर्ष 1988 में सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय गुरनाम सिंह नामक बुजर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया था. आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया. बाद में निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सज़ा सुना दी.
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