मुंबई। टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के 50 साल पूरे करने वाले सुनील गावस्कर ने बुधवार को कहा कि उनका करियर इतना लंबा नहीं खिंचता अगर महान सर गारफील्ड सोबर्स ने उन्हें उनके शुरुआती मैचों में दो जीवनदान नहीं दिये होते। गावस्कर ने यहां ‘जीवन का उपहार’ नामक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अपने पहले टेस्ट मैं 12 रन पर खेल रहा था। मैंने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर ड्राइव किया और महानतम क्रिकेटर गारफील्ड सोबर्स के पास कैच गया। सीधा कैच उनके पास गया था जो उनके हाथ से छिटक गया। मैं तब केवल 12 रन पर था और तब मुझे क्रिकेटिया जीवन का उपहार मिला था।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘इससे मुझे अर्धशतक जमाने और अगले टेस्ट मैच के लिये टीम में जगह बनाये रखने का मौका मिला।’’
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इस दिग्गज बल्लेबाज ने छह मार्च 1971 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। भारत ने वह श्रृंखला जीती थी। इसके बाद वह टेस्ट में 10,000 रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज बने।
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उन्होंने कहा,‘‘अगले टेस्ट मैच में मैं जब छह रन पर खेल रहा था तो मैंने आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद स्लैश की जो तेजी से सर गारफील्ड सोबर्स के पास पहुंची। वह उसे नहीं देख पाये और जब तक वह संभल पाते गेंद उनकी छाती पर लगी और नीचे गिर गयी। मैंने तब अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था।’’
अपने करियर में 125 टेस्ट मैचों में 10,122 रन बनाने वाले गावस्कर ने कहा,‘‘इससे मुझे भारतीय टीम में अपना स्थान 16-17 साल तक बनाये रखने में मदद मिली। अगर वे दो जीवनदान नहीं मिलते तो मैं वहां तक नहीं पहुंच पाता।’’
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