कुछ समय पहले क्रिकेट के गलियारों में अंपायर्स कॉल का मुद्दा गर्माया हुआ था। खिलाड़ियों समेत क्रिकेट के पंडित इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय दे रहे थे।
पिछले कुछ समय से अंपायर के सॉफ्ट सिगनल को लेकर विवाद होते रहे हैं। इस नियम को हटाने के लिए भारतीय कप्तान विराट कोहली समेत कई क्रिकेटरों ने मांग की थी, लेकिन आईसीसी ने इस नियम में कुछ बदलाव करते हुए इसे बरकरार रखा।
मगर अब इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने सॉफ्ट सिग्नल के नियम को हटाने की मांग की है। इस नियम को खराब बताते हुए ब्रॉड ने कहा है कि आईसीसी को अगली मीटिंग का इंतजार नहीं करते हुए इसे जल्द से जल्द हटा देना चाहिए।
दरअसल, दूसरे टेस्ट मैच के दौरान न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज कॉन्वे 22 के निजी स्कोर पर स्लिप में पकड़ गए थे। अंपायर को उनका कैच साफ नहीं दिखा तो उन्होंने फैसला थर्ड अंपायर पर छोड़ दिया। इसके बाद थर्ड अंपायर ने नॉट आउट का सॉफ्ट सिग्नल दिया।
ब्रॉड ने तीसरे दिन के खेल से पहले स्काई स्पोर्ट्स से कहा, "मैदान पर हमारी प्रतिक्रिया से आप समझ सकते हैं कि हमें लगा कि वे आउट हैं। जैक को लगा कि गेंद उनके हाथ में आई है और उन्होंने पहली स्लिप में जो रूट और विकेट के पीछे जेम्स ब्रैसी को देखा जो इससे एक गज की दूरी पर थे। उन्हें पता था कि गेंद हाथ में आई है।"
उन्होंने कहा, "लेकिन इसमें अंपायरों की गलती नहीं है जो 40 गज दूर होते हैं। इस नियम से उनकी स्थिति कठिन हो गई है।"
ब्रॉड ने आगे कहा, "अगर आप इस नियम के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू देखें तो नकारात्मक अधिक है। मुझे लगता है कि यह खराब नियम है और आईसीसी को अगली बैठक का इंतजार नहीं करते हुए इसे हटा देना चाहिए।"
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