सीरीज..जिसमें खत्म हुआ 25 साल की जीत का सूखा...सीरीज..जिसमें पहली बार दो गेंदबाज निकले चैंपियन..मुकाबले और भी हुए...सालों इंतजार के बाद कई जीतें और भी मिलीं लेकिन दक्षिण अफ्रीका की धरती पर टीम इंडिया की ये जीत अलग है और वो इसलिए कि इस बार जीत के हीरो हैं कलाई को दो जादूगर।
पोर्ट एलिजाबेथ में भी, एकबार फिर अफ्रीकी बल्लेबाजों पर कुलदीप और चहल कहर बनकर बरपे...हाशिम अमला और डेविड मिलर की जोड़ी ने कोशिश तो बहुत की...लेकिन चहल के सामने मिलर काफी देर तक टिक नहीं सके। क्लासन ने भी 38 वें ओवर में कुलदीप की गेंद की जमकर पिटाई की लेकिन कुलदीप ने एक ही ओवर में फेलुकवायो,रबाडा और क्लासें को आउट कर सूद समेत उधार वसूल लिया।
चौथे वनडे में कुलदीप के खाते में 4 और चहल ने 2 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। सीरीज के चौथे वनडे को छोड़ दें तो कुलदीप-चहल की जोड़ी सीरीज जीत के असली हीरो रहे। सीरीज के 5 वनडे में दक्षिण अफ्रीका के कुल 43 विकेट गिरे। जिसमें 13.63 की औसत से कुलदीप-चहल ने 30 विकेट लिए...
द्विपक्षीय सीरीज में भारतीय स्पिनर्स का अबतक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। जिसकी बदौलत ही द.अफ्रीका में पहली बार तिरंगा लहराया है।
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