हैप्पी बर्थडे: अजीत अगरकर के वो रिकॉर्ड जिन्हें रिटायरमेंट के 5 साल बाद भी कोई भारतीय खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के चीफ सलेक्टर अजीत अगरकर आज मना रहे हैं अपना 41वां जन्मदिन।
भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में शुमार रहे अजीत अगरकर आज अपना 41वां जन्मदिन मना रहे हैं। 4 दिसंबर 1977 को अगरकर का जन्म मुंबई में हुआ। बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन अजीत ने जब कॉलोनी में पड़ोसियों की खिड़कियां तोड़ना शुरू किया तब घरवाले उन्हें शिवाजी पार्क में कोच रमाकांत आचरेकर के पास लेकर गए। वहीं से शुरू हुआ अगरकर का वो सफर जब उन्होंने अपने शौक को प्रोफेशन में बदला।
आज महान तेज गेंदबाजों की फेहरिस्त में शुमार अजीत बचपन में बल्लेबाज बनना चाहते थे। उन्होंने बचपन में स्कूल क्रिकेट की जूनियर टीम से ट्रिपल सेंचुरी लगाई थी। एक बल्लेबाज के तौर के पर अपने करियर की शुरुआत करने वाले अजीत ने मास्चर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की सलाह पर अपनी गेंदबाजी पर ध्यान देना शुरू किया। महज 15 साल की उम्र में मुंबई की रणजी टीम में अपनी जगह बनाने वाले अजीत को टीम इंडिया में एंट्री करने में भी ज्यादा समय नहीं लगा।
वनडे क्रिकेट के सफलतम गेंदबाजों में शुमार
1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अजीत ने वनडे क्रिकेट में डेब्यू करते ही अपनी गेंदबाजी का सभी को कायल बना लिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली के सबसे तेज 50 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़कर सिर्फ 23 मैचों में ये रिकॉर्ड अपने नाम किया। 1998 में बनाए गए इस रिकॉर्ड को 2009 में श्रीलंका के अजंता मेंडिस ने तोड़ा।
वनडे क्रिकेट में अजीत का बेहतरीन रिकॉर्ड खुद उनके टैलैंट का नूमना पेश कर रहा है। अजीत ने 191 वनडे मैचों में 288 विकेट लिए हैं। इस दौरान उन्होंने 10 बार मैच में चार और दो बार पांच विकेट लिए हैं। 42 रन देकर छह विकेट वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।
बल्ले से भी दिखाए अच्छे हाथ
गेंद के साथ-साथ अगरकर बल्ले से भी कमाल दिखाने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने साल 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ सिर्फ 21 गेंदों में 50 रन बनाए थे। इसके अलावा साल 2002 में सौरव गांगुली ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा, तो अजीत ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और 95 रन की शानदार पारी खेली। इतना ही नहीं टेस्ट क्रिकेट में तो अगरकर ने वो कारनामा भी किया जो मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी नहीं कर पाए। अजीत ने क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अपने क्रिकेट करियक का एकमात्र शतक जड़ा।
अजीत का ऑलराउंड प्रदर्शन
अजीत अगरकर के नाम सबसे कम वनडे मैचों में 200 विकेट और 1000 रन बनाने का भी रिकॉर्ड है। उन्होंने शॉन पॉलक के 138 मैचों का रिकॉर्ड तोड़ा था। अजीत ने 26 टेस्ट मैचों में उन्होंने 571 रन भी बनाए हैं जिसमें एक शतक भी शामिल है जबकि 191 वनडे मैचों की 113 पारियों में अगरकर ने 1269 रन बनाए हैं, जिसमें 3 अर्धशतक भी शामिल है। वनडे में उनका बेस्ट स्कोर 95 रन रहा है। गेंद और बल्ले दोनों से लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उनकी तुलना पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव से भी की जाने लगी थी।
अपनी कप्तानी में मुंबई को बनाया रणजी चैंपियन
2013 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में कप्तान अजीत अगरकर और धवल कुलकर्णी की तूफानी गेंदबाजी की चलते मुंबई टीम ने सौराष्ट्र को मैच के तीसरे दिन ही पारी और 125 रन से करारी हराया। इसी के साथ मुंबई ने अजीत अगरकर की कप्तानी में 40वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया।
जाहिर है 16 अक्टूबर 2013 को क्रिकेट को अलविदा कह चुके अजीत अगरकर के ये खास रिकॉर्ड्स उनके क्रिकेट फैंस के जहन में हमेशा जिंदा रहेंगे।