धोनी और कोहली की कप्तानी में क्या है विशेष अंतर, पूर्व चयनकर्ता ने खोला राज
बीसीसीआई के पूर्व चयनकर्ता गगन खोड़ा का मानना है कि धोनी मैदान में शांत दिखाई देते थे तो इसका मतलब ये नहीं की वो आक्रामक कप्तान नहीं थे।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई कप्तान हुए हैं और सबका अपना - अपना अंदाज रहा है। लेकिन जिस तरह से टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन कूल महेंद्र सूंघ धोनी मैदान में अपने शांत व्यवहार के लिए फेमस है। वैसा कप्तान आज तक शायद ही किसी ने देखा हो। जबकि इसके विपरीत टीम इंडिया के वर्तमान कप्तान विराट कोहली मैदान में आपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा पाते हैं और उनका आक्रामक रवैया सबके सामने आ जाता है। ऐसे में बीसीसीआई के पूर्व चयनकर्ता गगन खोड़ा का मानना है कि धोनी मैदान में शांत दिखाई देते थे तो इसका मतलब ये नहीं की वो आक्रामक कप्तान नहीं थे।
स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ इंटरव्यू में गगन खोड़ा ने कहा,'' विराट कोहली बहुत आक्रामक हैं, लेकिन धोनी आक्रामक नहीं थे, ऐसा नहीं है। आक्रामकता वोकल नहीं होती। धोनी आक्रामक और सुरक्षित थे। आपको एक कप्तान के रूप में सुरक्षित रहना होता है।"
इस तरह 2017 से जबसे विराट कोहली ने टीम इंडिया का कार्यभार संभाला है। वो दिन प्रतिदिन अपनी कप्तानी में और मैच्योर होते जा रहे हैं। जिसको लेकर खोड़ा का मानना है कि कप्तान कोहली भी धोनी से बहुत जल्द सीख रहे हैं और उस तरह के बनना भी चाहते हैं।
खोड़ा ने आगे दोनों की कप्तानी के अंतर पर प्रकाश डालते हुए कहा, "आप हर समय हमलावर और आक्रामक नहीं हो सकते। आपको आक्रामक होने के साथ सुरक्षित भी होना होता है। धोनी के पास यह दोनों खूबियां थी। विराट कोहली उन्हीं के रास्ते पर चलकर वहां पहुंच रहे हैं। वह अपनी गलतियां स्वीकार करते हैं और अगली बार उन गलतियों को नहीं दोहराते। धोनी और कोहली में यही अंतर है कि कोहली वोकल हैं और धोनी कूल थे।''
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वहीं अंत में धोनी की आक्रमकता और कूलनेस के बारे में खोड़ा ने कहा, "बहुत से ऐसे अवसर आए जब धोनी अपनी शांत प्रवत्ति के आपे से बाहर आए हैं। सही मौके पर धोनी विरोधी टीम के खिलाफ आक्रमकता दिखाने में पीछे भी नहीं रहते हैं।
बता दें कि गगन खोड़ा नवंबर 2015 से लेकर जनवरी साल 2017 तक भारतीय क्रिकेट चयनसमिति का हिस्सा रहे थे। उन्हें लोढ़ा कमिटी ने दरकिनार कर दिया था। जिसके बाद चयनकर्ताओं के पैनल में सिर्फ तीन लोग ही बचे थे।