टीम इंडिया क्रिकेट सिरीज़ के लिए साउथ अफ़्रीका पहुंच चुकी है. पहला टेस्ट पांच जनवरी से पोर्ट एलिज़ाबेथ में खेला जाएगा. मेज़बान की दुविधा ये है कि टीम में तेज़ गेंदबाज़ डेल स्टेन और मॉर्ने मॉर्कल में से किसे रखा जाए. स्टेन ने लंबे समय के बाद वापसी की है. उन्हें चोट लग गई थे. स्टेन को ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में खिलाया गया था. मॉर्कल ने हालंकि पांच साल के बाद ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ पांच विकेट लिए हैं लेकिन फिर भी टीम में जगह पाने को लेकर वह आश्वस्त नहीं हैं.
टेस्ट मैच के बाद मॉर्कल ने कहा, "विकेट लेना अच्छा रहा. जब टीम चुनने का समय आएगा मेरे नाम पर विचार हो सकता है.''
सफलता के बावजूद मॉर्कल की जगह स्टेन को तवज्जो मिल सकती है. साउथ अफ़्रीका टेस्ट में तीन तेज़ गेंदबाज़ और एक स्पिनर के साथ ही उतरेगी. ऐसे में 2017 में साउथ अफ़्रीका में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले कगिसो रबाडा और सीमिंग पिच पर बल्लेबाज़ों की नाक में दम करने वाले वर्नोन फ़िलैंडर का तो खेलना तय है. अब सिलेक्टर्स को स्विंग कराने वाले स्टेन और उछाल वाली बॉलिंग करने वाले मॉर्कल में से किसी एक को चुनना है.
मॉर्कल का कहना है, "हमें देखना पड़ेगा. नेट्स में डेल ज़बरदस्त बॉलिंग कर रहे हैं. वह फ़िट और ताक़तवर भी दिख रहे हैं. मुझे लगता है कि पोर्ट एलिज़ाबेथ की पिच उनके माकिफ़ है लेकिन अभी ताज़ा दम होने के लिए एक हफ़्ता है."
ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच के बाद से स्टेन एक हफ़्ते से मैच नहीं खेले हैं. स्टेन ने नवंबर 2016 से अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला था जबकि मॉर्कल ने मार्च से अब तक एक को छोड़ सभी टेस्ट मैच खेले हैं. इसे देखते हुए लगता है कि शायद सिलेक्टर्स स्टेन की जगह मॉर्कल को तवज्जो दें और स्टेन को घरेलू मैच खेलने दें.
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