भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा है कि कोरोना चिंताओं के कारण भारतीय खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में खेलने से मना किया। उन्होंने साथ ही इस बात को खारिज किया कि इस फैसले के पीछे आईपीएल की कोई भूमिका है। भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में होने वाला पांचवां टेस्ट मुकाबला भारतीय कैंप में कोरोना के मामले सामने आने के बाद टॉस होने से कुछ घंटे पहले ही रद्द कर दिया गया था।
द टेलीग्राफ के हवाले से गांगुली ने कहा, "खिलाड़ियों ने खेलने से मना किया लेकिन आप उन्हें दोष नहीं दे सकते। फिजियो योगेश परमार खिलाड़ियों के करीबी संपर्क में थे। ऐसा तब ही हो सकता था जब नितिन पटेल खुद को आईसोलेट कर लेते।"
उन्होंने कहा, "वह इनकी मसाज करते थे और इनके दिनचर्या का हिस्सा थे। खिलाड़ी परेशान हो गए जब इन्हें पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन्हें इस बात का डर लगा कि कहीं वे इस वायरस की चपेट में नहीं आ जाएं। बबल में रहना आसान नहीं है। आपको इनके भावनाओं की कद्र करनी चाहिए।"
इससे पहले, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा था कि भारत के खिलाड़ी आईपीएल से पहले पॉजिटिव मामले से डर गए थे, जो 19 सितंबर को यूएई में फिर से शुरू होगा। हालांकि, बीसीसीआई प्रमुख ने कहा कि रद्द करने का इस टूर्नामेंट से कोई लेना-देना नहीं है।
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गांगुली ने कहा, "बीसीसीआई कभी भी गैर-जिम्मेदार बोर्ड नहीं रहा है। हम अन्य बोर्ड को भी महत्व दते हैं।"
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