बेहद कम लोग जानते हैं कि टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को टीम इंडिया में मौका एक खिलाड़ी के ड्रॉप होने से मिला था। जी हां, इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में शिखर धवन ने खुद इस बात माना है कि उन्हें टेस्ट टीम में मौका मिला था एक खिलाड़ी के ड्रॉप होने से। ये खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग थे। शिखर धवन ने 14 मार्च 2013 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। ये इस सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच था। इससे पहले दो मैचों में बतौर सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग खेल रहे थे।
धवन ने आप की अदालत में बताया, "फरवरी 2013 में दो टेस्ट मैच खेलने के बाद वीरू भाई तीसरा मैच नहीं खेले और मुझे मौका मिला।" धवन ने अपने टेस्ट डेब्यू मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विस्फोटक ओपनिंग की और मात्र 85 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। गब्बर ने 187 रनों की धमाकेदार पारी खेली और अपने डेब्यू मैच में मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता था।
टेस्ट में ही नहीं इससे पहले वनडे में भी धवन को दो खिलाड़ियों के ड्रॉप होने से मौका मिला था। धवन ने बताया, "वनडे में 2010 में जब वीरू और गौती भाई नहीं खेले थे तो मुझे मौका मिला था। वनडे के डेब्यू मैच में मैं शून्य पर आउट हुआ था।"
मैदान पर बेहद शरारती दिखने वाले धवन अपने डेब्यू के समय बेहद नरवस थे। धवन ने बताया, "जब मेरे डेब्यू का पहला मैच था तो मैं पूरी रात करवटें बदल रहा था। मेरा सपना था भारत के लिए खेलना और अब पहुंच गया हूं वहां पर। तो पूरी रात नींद नहीं आयी। अब पूरी रात नींद नहीं आई तो टेंशन हो रही थी कि ऐनेर्जी कैसे रहेगी पूरा दिन। तो सुबह उठा तो देखा बारिश हो रही थी और मैच रद्द हो गया था। फिर मैंने अगले मैच से पहले रात को सोने के लिए नींद की गोली ली थी।"
2010 से 2013 के बीच कैसा था स्ट्रगल
शिखर धवन वनडे में अपने डेब्यू करने के बाद टीम में अपनी जगह लगातार बनाए नहीं रख पाए। धवन ने 2010 में वनडे में अपने डेब्यू से 2011 जून तक केवल 5 मैच खेले। इसके बाद उन्हें मौका मिला 2013 में सीधे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में। इस दौरान अपने स्ट्रगल को लेकर धवन ने आप की अदालत में बताया, "2010 में एक दो मैच खेलने के बाद मैं बाहर हो गया था। मैने अपनी लाइफ में ऐसे कोई स्ट्रगल नहीं देखे क्योंकि मैं उसमें विश्वास नहीं रखता। तो 2010 से 2013 तक मैं अपनी क्रिकेट इंज्वॉय कर रहा था और मुझे क्रिकेट से बड़ा प्यार है तो रोज उठकर खेलने जाना और लड़कों के साथ मस्ती करना, अपनी बैटिंग पर काम करना, फिटनेस पर काम करना.. मैं वहीं करता रहा।"
भारत ने 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और इसमें खास बात ये थी कि धवन ने इसके मैन ऑफ द सीरीज थे। धवन ने कहा, "मुझे पता था कि जब मेरा मौका आना हुआ तब आ जाएगा और नहीं भी आया तो कोई बात नहीं। इंज्वॉय करना बड़ा जरूरी है क्योंकि स्ट्रेस लेने से आपका आज भी नहीं सुधरेगा और ना ही कल सुधरेगा।"
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