शिखर धवन ने बताया अपना रिटायरमेंट प्लान, हिंदी कमेंट्री में आजमाना चाहते हैं हाथ
शिखर धवन का कहना है कि वह हिंदी कमेंट्री में काफी अच्छा कर सकते हैं क्योंकि उन्हें हास्य की अच्छी समझ है।
भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने हाल ही में अपने रिटायरमेंट प्लान का खुलासा किया है। उनका कहना है कि वह हिंदी कमेंट्री में काफी अच्छा कर सकते हैं और इसी के साथ उन्होंने मोटीवेशनल स्पीकर बनने की भी इच्छा जताई है। भारतीय स्पिनर आर अश्विन के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट कर धवन ने अपने इस रिटायरमेंट प्लान के बारे में बाताय है। वहीं धवन ने यह भी कहा है कि उनके पास बांसुरी बजाने का भी कौशल है जिसे वह पिछले 5 साल से बजा रहे हैं।
अश्विन से बात करते हुए धवन ने कहा "मुझे हास्य की बहुत अच्छी समझ है। मैं जिस दिन कमेंट्री में कदम रखूंगा उसी दिन से अच्छा करने लगूंगा, खास कर हिंदी कमेंट्री में। मेरी हिंदी की टाइमिंग काफी अच्छी है और मेरी हास्य की समझ काफी तेज है। मैं इसे बहुत प्यास से करंगा। मेरे पास कई विकल्प है। मेरे पास बांसुरी है, अगर मैं मोटीवेशनल स्पीकर बना तो मैं इसे हमेशा अपने साथ रखुंगा। इसके अलावा भी मेरे पास खेलने के लिए कई उपकरण हैं।"
धवन ने आगे कहा "मुझे बांसुरी संगीत सुनना बहुत अच्छा लगता है, अगर कोई रोड़ पर भी बजा रहा होता है तो मुझे अच्छा लगता है। मैं वहां खड़ा हो जाता हूं और उसके खत्म होने तक सुनता हूं। मुझे लगता है मैं कुछ सीख रहा हूं। मैं पिछले 5 साल से इसकी ऑनलाइन क्लास ले रहा हूं। मैं काफी खुश हूं अब। इसे बजाने में मुझे खुशी मिलती है। एक क्रिकेटर होने के नाते हम कहते हैं हमारे पास समय नहीं है, लेकिन हमारे पास समय है।"
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अंत में धवन ने कहा "हर किसी के अपने-अपने शौक होते हैं जिससे वह अपने आप को शांत रखते हैं और यह काफी जरूरी भी है।"
वहीं इस चौट के दौरान धवन ने टीम के साथी बल्लेबाज मुरली विजय को उन्होंने अपनी पत्नी की तरह बताया था। धवन ने कहा "मुरली विजय मैदान के अंदर और बाहर शानदार आदमी हैं। मैं उन्हें बहुत करीब से जानता हूं। वह बहुत अच्छे व्यक्ति हैं। हर चीज के लिए वो ऐसे कहता कि ऐसे नहीं, ऐसे करते हैं। मैं बिंदास रहता हूं। "मैं मुरली विजय को बोलता हूं कि तुम मेरी पत्नी की तरह हो। कभी जब हम रन नहीं लेते, तो हमारे बीच झड़प होती है, लेकिन यह जल्द ही सुलझ जाती है। उन्हें समझना काफी मुश्किल है। आपको अगर मुरली विजय को समझना है तो शांत दिमाग और धैर्य की जरूरत है। मगर वो शानदार व्यक्ति है। मुझे उसके साथ ओपनिंग करना पसंद हैं। हमने देश के लिए कुछ उम्दा प्रदर्शन किए। हम अभी भी बहुत अच्छे दोस्त हैं। मैं उनके साथ आगे समय बिताना चाहता हूं और जोरदार ठहाके लगाना चाहता हूं। कभी वो कुछ बोलता था तो मुझे समझ नहीं आता था। मगर एक या दो साल में जब मुझे समझ आने लगा कि वो क्या बोलता है तो सब ठीक हो गया।"