शेल्डन जैकसन ने किया खुलासा, इस कारण सौराष्ट का साथ छोड़ थामा पुड्डुचेरी क्रिकेट का दामन
जैकसन ने पिछले दो सत्र में 800 से अधिक रन बनाए हैं और मार्च में सौराष्ट्र के पहले रणजी ट्रॉफी खिताब में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
नई दिल्ली| गत रणजी ट्रॉफी चैंपियन सौराष्ट्र की ओर से शानदार प्रदर्शन के बावजूद शेल्डन जैकसन राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान नहीं खींच पाए लेकिन पुड्डुचेरी से जुड़ने का मुश्किल फैसला करने के बाद उन्हें उम्मीद है कि ‘कहीं छोटी टीम’ की ओर से ढेरों रन बनाकर वह अधिक लोगों को आकर्षित कर सकते हैं।
जैकसन ने पिछले दो सत्र में 800 से अधिक रन बनाए हैं और मार्च में सौराष्ट्र के पहले रणजी ट्रॉफी खिताब में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। जैकसन ने 18 साल में विभिन्न आयु वर्ग में सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के बाद कहा कि यह पेशेवर क्रिकेटर के रूप में विभिन्न संभावनाओं पर गौर करने का समय है। यह पूछने पर कि क्या पैसा इस कदम के पीछे का महत्वपूर्ण कारण है, जैकसन ने पीटीआई से कहा, ‘‘पेशेवर के रूप में खेलना शुरू करने के लिए यह मेरा पहला कदम है। अगर मैं अच्छा करूंगा तो पैसा मिलेगा ही। इस साल मैंने पैसा पर अधिक ध्यान नहीं दिया। अगर मैं अच्छा करता हूं तो मुझे यकीन है कि कई दरवाजे खुलेंगे।’’
जैकसन, पारस डोगरा और पंकज सिंह के साथ पुड्डुचेरी के मेहमान खिलाड़ी होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले छह महीने से बात कर रहे थे। यह मुश्किल फैसला था लेकिन आप अपने पेशे के साथ भावना नहीं जोड़ सकते और ऐसा भी नहीं है कि आप हमेशा के लिए अपना घर छोड़कर जा रहे हैं। आप निश्चित समय के लिए जा रहे हैं। निश्चित तौर पर अपने दोस्तों को छोड़कर मैं भावुक हूं और सौराष्ट्र की ओर से खेलने का मौका देने के लिए शाह परिवार (निरंजन शाह और उनके बेटे जयदेव शाह) को धन्यवाद देना चाहता हूं।’’
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जैकसन भारत ए की ओर से आखिरी बार 2016 में खेले थे और पिछले साल उन्होंने भारत ए और दलीप ट्रॉफी की टीम में सौराष्ट्र के किसी खिलाड़ी को नहीं चुनने पर राष्ट्रीय चयनकर्ताओं पर सवाल उठाए थे क्योंकि टीम रणजी ट्रॉफी में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही थी और पिछले आठ सत्र में चार बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रही। इस बल्लेबाज ने कहा कि वह अब चयनकर्ताओं की मानसिकता के बारे में अधिक नहीं सोचते और सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘काफी लोग मुझे यह बात कह रहे हैं (छोटी टीम से जुड़कर मैंने अपने लिए चीजें मुश्किल कर दीं)। मेरा मानना है कि अगर मैं पुड्डुचेरी जैसी छोटी टीम की ओर से रन बनाऊंगा तो सौराष्ट्र की तुलना में मेरे प्रदर्शन पर अधिक ध्यान जाएगा क्योंकि वहां मेरी तरह अन्य खिलाड़ी भी लगातार बड़े स्कोर बना रहे थे।’’
जैकसन ने कहा, ‘‘और अगर टीम नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करती है तो सीनियर खिलाड़ी के रूप में आपको अधिक श्रेय मिलेगा।’’ यह पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि वह शीर्ष स्तर जैसे भारत ए की ओर से खेल सकते हैं? जैकसन ने कहा, ‘‘क्यों नहीं। आखिर यह प्रथम श्रेणी टीम है। अगर मैं सत्र में 1000 रन बनाता हूं तो कुछ भी हो सकता है। मैं पहले ही दो सत्र में 800 से अधिक रन बना चुका हूं।’’
जैकसन ने कहा, ‘‘एक दशक पहले सौराष्ट्र को छोटी टीम समझा जाता था। यह पिछले 10 साल में बड़ी टीम बनी है और मुंबई तथा दिल्ली की तुलना में अब भी काफी छोटा केंद्र है। अब भी हमारे दो खिलाड़ी (चेतेश्वर पुजारा और रविंद्र जडेजा) भारत के लिए खेल रहे हैं। इसी तरह पुड्डुचेरी की टीम भी अगले पांच साल में बड़ी टीम बन सकती है।’’