भारत दौरे पर जोर देना बंद करे पीसीबी: अफरीदी
लाहौर: पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने शुक्रवार को कहा कि यदि भारत नहीं चाहता तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को भारत के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए अधिक दबाव नहीं देना चाहिए।
लाहौर: पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने शुक्रवार को कहा कि यदि भारत नहीं चाहता तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को भारत के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए अधिक दबाव नहीं देना चाहिए। भारत और पाकिस्तान के बीच इसी वर्ष दिसंबर में द्विपक्षीय श्रृंखला होनी है, लेकिन दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव और सीमा पर लगातार जारी संघर्ष के कारण यह श्रृंखला खटाई में पड़ती नजर आ रही है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी संकेत दे चुका है कि इस द्विपक्षीय श्रृंखला के आयोजित होने की संभावनाएं बेहद कम हैं। बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ट्विटर पर लिख चुके हैं कि पाकिस्तान यदि वांछित माफिया दाऊद इब्राहिम को पनाह देना जारी रखता है तो दोनों देशों के बीच खेल संबंध खत्म कर लिए जाएंगे।
दोनों देशों के बोर्डो ने एक समझौता किया है, जिसके तहत दोनों देश 2015 से 2023 के बीच कम से कम छह श्रृंखलाएं खेलेंगे, लेकिन बीसीसीआई को इस समझौते पर आखिरी मुहर लगाने के लिए अभी सरकार से अनुमति लेनी है।
अफरीदी ने यह तो स्वीकार किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला एशेज से भी बड़ी होती है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारतीय टीम पाकिस्तान के साथ खेलने को उत्सुक नहीं है तो पीसीबी को इस श्रृंखला पर ज्यादा व्याकुलता नहीं दिखानी चाहिए।
अफरीदी ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि हम भारत के साथ श्रृंखला पर इतना जोर क्यों दे रहे हैं। दुनिया में और भी टीमें हैं, इसलिए हमें घरेलू मैदानों को बेहतर बनाने पर ध्यान लगाना चाहिए। हमें मूलभूत चीजों पर काम करना है और उन्हें मजबूत बनाना है। आखिर भारत के साथ खेलने पर इतना जोर क्यों?"
अफरीदी ने कहा, "अगर वे नहीं खेलना चाहते तो मुझे इसकी उतनी जरूरत नजर नहीं आती। हमने उन्हें खेलने का निमंत्रण दिया है और यदि वे नहीं खेलना चाहते तो इसमें इतना हाय-तौबा मचाने की क्या जरूरत है। हम उसके बावजूद खुश हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा भारत का स्वागत किया है। पिछली बार जब भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर आई थी तो पूरी दुनिया में किसी टीम का इतना जोरदार स्वागत कहीं देखने को नहीं मिला होगा। हम हमेशा मुश्किल समय में भारत का समर्थन करते रहे हैं, लेकिन यह उनकी सरकार का फैसला है। लेकिन मैं इस बात को समझता हूं कि दोनों देश के क्रिकेट प्रेमी दोनों देशों के खिलाड़ियों को साथ खेलते देखना चाहते हैं। हम जब एकदूसरे के खिलाफ मैदा