नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम का एक वरिष्ठ सदस्य विश्व कप के दौरान बीसीसीआई के ‘परिवार संबंधित’ नियमों के उल्लघंन करने के लिये सवालों के घेरे में आ गया है जिसमें टीम सेमीफाइनल में बाहर हो गयी थी।
इस खिलाड़ी ने अपनी पत्नी के लिए 15 दिन अनुमेय अवधि से अधिक समय तक साथ रहने का अनुरोध किया था, लेकिन नियम बनाने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने इससे इनकार कर दिया था। अब पता चला है कि इस खिलाड़ी की पत्नी टूर्नामेंट के दौरान पूरे सात हफ्ते तक उनके साथ रही जबकि इसके लिये कप्तान या फिर कोच से अनुमति नहीं ली गयी थी।
पीटीआई को मिले दस्तावेजों के अनुसार सीओए ने तीन मई को हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की थी और इस अनुरोध को स्वीकृति नहीं दी थी। इसकी जानकारी रखने वाले बीसीसीआई सूत्र ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई को पुष्टि की कि यह उल्लघंन निश्चित रूप से हुआ था।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हां, तीन मई को हुई बैठक में इसी खिलाड़ी को अनुमति नहीं दी गयी थी, उसने विश्व कप के दौरान 15 दिन के नियम का उल्लघंन किया है। अब यहां सवाल उठता है कि इस खिलाड़ी ने अपनी पत्नी को अतिरिक्त दिनों तक साथ रखने के मद्देनजर योग्य अधिकारियों से - इस मामले में कोच या कप्तान से अनुमति ली थी। तो इसका जवाब ‘नहीं’ है।’’
इस मामले को अभी सीओए को रिपोर्ट किया जाना है, पर सवाल यह है कि प्रशासनिक मैनेजर सुनिल सुब्रमण्यम ने इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जबकि यह मसला उनके उनके अधीन आता था।
एक अन्य वरिष्ठ बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘सुनील सुब्रमण्यम क्या कर रहे थे? उनका काम टीम के ट्रेनिंग सत्र का निरिक्षण करना नहीं था। कोच, कप्तान और अन्य सहयोगी स्टाफ इस इंतजाम को देख रहे थे। उम्मीद है कि सीओए इस मामले का संज्ञान लेगा और मैनेजर से रिपोर्ट मांगेगा।’’ सुब्रमण्यम से इस मामले पर बात नहीं की जा सकी है।
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