टीम की प्लेयिंग 11 में होना चाहिए चयनकर्ताओं का भी हाथ, पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने दिया बड़ा बयान
प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समिति के ‘कद’ पर कई बार सवाल उठे लेकिन प्रसाद ने कहा कि उन्हें इन बातों से कुछ फर्क नहीं पड़ता।
नई दिल्ली| पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने शनिवार को सुझाव दिया कि सुनील जोशी की अगुवाई वाली नयी चयन समिति के पास अंतिम 11 खिलाड़ियों (मैदान पर उतरने वाले) को चुनने का हक होना चाहिए और बीसीसीआई को इसके लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए। प्रसाद का कार्यकाल हाल ही में खत्म हुआ है। उनके चार साल के कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम ने पहली बार आस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला में जीत दर्ज की।
उन्होंने इसके साथ ही भारत ए की मजबूत टीम बनाने में अहम भूमिका निभाई। टीम के अंतिम 11 खिलाड़ियों का चयन कोच और कप्तान का विशेषाधिकार माना जाता है लेकिन प्रसाद ने ‘पीटीआई’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि नए सुधारों में इस मसले को हर कीमत पर संशोधित करना चाहिए ताकि मैच के नतीजों की जिम्मेदारी सबकी एक समान हो।’’
उन्होंने कहा कि टीम चयन को लेकर टीम प्रबंधन और चयन समिति का दृष्टिकोण अलग-अलग होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ आम तौर पर चयनकर्ता के मन में पूरी भारतीय क्रिकेट की बड़ी तस्वीर होती है जबकि टीम प्रबंधन की सोच मौजूदा भारतीय टीम को लेकर ही होती है।’’ इस पूर्व विकेटकीपर ने कहा, ‘‘समय के साथ चयनकर्ताओं, कप्तान और टीम प्रबंधन के ऐसे रिश्तों बन जाते है कि वे एक-दूसरे की सोच को समझते हैं और सम्मान करते हैं।’’
प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समिति के ‘कद’ पर कई बार सवाल उठे लेकिन प्रसाद ने कहा कि उन्हें इन बातों से कुछ फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, ‘‘ आलोचना हमेशा सकारात्मक होनी चाहिए और खराब मकसद के साथ की गयी आलोचना को हमेशा नजरअंदाज किया जाना चाहिए।’’ प्रसाद को सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि धोनी की जगह विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद टीम का बदलाव शानदार तरीके से हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘ धोनी की कप्तानी से लेकर विराट की कप्तानी तक टीम बदलाव शानदार तरीके से करना और मजबूत बेंच स्ट्रेंथ तैयार करना हमारी समिति की सबसे बड़ी कामयाबी रही।’’ उन्होंने कहा कि उनके लिए कोहली की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला गंवाने के अलावा विश्व कप के सेमीफाइनल में हार दिल तोड़ने वाला रहा। उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला गंवाने के साथ विश्व कप के सेमीफाइनल को हारना निराशाजनक रहा। मुझे लगता है हम इन तीनों को जीत सकते थे। हम काफी करीब होते हुए भी दूर हो गये।’’