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वीरेंद्र सहवाग ने दिए जल्द अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के संकेत

दुबई: भारत के महानतम क्रिकेट खिलाड़ियों में गिने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने आज कहा कि वह अंतर्ऱाष्ट्रीय क्रिकेट से जल्द संन्यास ले लेंगे, क्योंकि उन्होंने अगले साल होने वाले मास्टर्स चैंपियन्स लीग 2020 में

सहवाग जल्द लेंगे...- India TV Hindi सहवाग जल्द लेंगे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास

दुबई: भारत के महानतम क्रिकेट खिलाड़ियों में गिने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने आज कहा कि वह अंतर्ऱाष्ट्रीय क्रिकेट से जल्द संन्यास ले लेंगे, क्योंकि उन्होंने अगले साल होने वाले मास्टर्स चैंपियन्स लीग 2020 में भाग लेने की स्वीकृति दे दी है। इस लीग में केवल रिटायर खिलाड़ी ही भाग ले सकते हैं। सहवाग का यह फैसला उनके समकालीन महान गेंदबाज ज़हीर खान के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के केवल दो दिनों के बाद ही आया है। सहवाल ने कहा, ‘मैं भारत वापस जाकर अपने संन्यास की घोषणा कर दूंगा।‘

दो साल से भी ज्यादा समय से टीम में नहीं मिली जगह

कभी अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से विरोधी टीमों के हौसले पस्त कर देने वाला यह महान बल्लेबाज पिछले दो सालों से भी ज्यादा समय से भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने में विफल रहा। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सहवाग ने अपने जन्मदिन 20 अक्टूबर से एक दिन पूर्व दुबई में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से जल्द ही अपने संन्यास की बात कही। अप्रैल 2009 में सहवाग को प्रतिष्ठित ‘विजडन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ के अवार्ड मिला था।

टेस्ट में तिहरा शतक जमाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज

दाएं हाथ के इस महान बल्लेबाज ने क्रिकेट के हर प्रारूप में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया औऱ साथ ही अनेक रिकॉर्ड भी बनाए। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 104 मैचों में 8586 रन बनाए औऱ उनका बल्लेबाजी औसत रहा 49.34 का, जोकि उनकी उत्कृष्ट बल्लेबाजी का गवाह है। अपने गौरवशाली टेस्ट करियर में उन्होंने 23 शतक औऱ 32 अर्धशतक लगाए। सहवाग टेस्ट मैचों में भारत की ओर से तिहरा शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं और उन्होंने दो तिहरे शतक लगाए।

एकदिवसीय क्रिकेट में बनाए 8 हज़ार से ज्यादा रन

सहवाग ने 251 वनडे मैचों में भी भारत का प्रतिनिधत्व किया औऱ 8273 रन बनाए। एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 15 शतक औऱ 38 अर्धशतक जमाए। एक ज़माने में एकदिवसीय मैचों की एक पारी में सर्वाधिक रन बनाने का विश्वरिकॉर्ड भी उनके ही नाम पर था। भारतीय क्रिकेट में उनका विशिष्ट स्थान है और उनके संन्यास से भारतीय क्रिकेट में जो स्थान खाली हुआ है, उसे भर पाना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होगा।

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