टेस्ट क्रिकेट में रहाणे और राहुल की खराब परफॉर्मेंस पर संजय मांजरेकर ने दिया बड़ा बयान
उन्होंने कहा कि रहाणे ने हालांकि हाल में टेस्ट क्रिकेट में कुछ रन बनाये हैं लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता होनी चाहिए।
मुंबई। पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर का मानना है कि अंजिक्य रहाणे भले ही टेस्ट क्रिकेट में अपने पहले दो वर्षों की तरह प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है लेकिन तब भी वह इस पारंपरिक प्रारूप में भारत के नंबर पांच बल्लेबाज के लिये सबसे उपयुक्त है। इस पूर्व टेस्ट बल्लेबाज का मानना है कि केएल राहुल ने सीमित ओवरों की क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन इसे पांच दिवसीय प्रारूप में रहाणे की जगह उन्हें रखने का मानदंड नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बल्लेबाज को घरेलू प्रथम श्रेणी मैचों में बड़े स्कोर बनाने की जरूरत है।
मांजरेकर ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपने ट्विटर फॉलोअर्स के सवालों के जवाब देते हुए कहा, ‘‘केएल राहुल ने नंबर पांच पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हां रहाणे अब वैसा खिलाड़ी नहीं लगता जैसे वह अपने टेस्ट करियर के पहले दो वर्षों में दिख रहा था लेकिन मैं उन्हें फिर से उसी फॉर्म में वापसी करते हुए देखना चाहूंगा।’’
उन्होंने कहा कि रहाणे ने हालांकि हाल में टेस्ट क्रिकेट में कुछ रन बनाये हैं लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता होनी चाहिए। भारत की तरफ से 37 टेस्ट खेलने वाले मांजरेकर ने कहा,‘‘कभी कभार ही ऐसा होता है लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता जैसा कि वह चाहता है। लेकिन उनके प्रदर्शन के आधार पर मुझे नहीं लगता कि टेस्ट मैचों में उनकी जगह राहुल के नाम पर विचार करना सही होगा।’’
जहां तक राहुल का सवाल है तो मांजरेकर ने उनके प्रशंसकों का याद दिलाया कि यह बल्लेबाज जब वेस्टइंडीज में आखिरी बार टेस्ट मैचों में खेला था तो सफल नहीं रहा था।
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उन्होंने कहा,‘‘आखिरी बार जब वह (राहुल) टेस्ट क्रिकेट खेला था तो बहुत प्रभावशाली नहीं रहा था। केएल राहुल को टेस्ट स्तर पर मध्यक्रम में जगह बनाने के लिये घरेलू स्तर पर ढेरों रन बनाने होंगे जैसा कि मयंक अग्रवाल ने भारतीय टीम में जगह बनाने के लिये किया।’’
जहां तक इस साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया दौरे का सवाल है तो मांजरेकर ने सलामी जोड़ी के रूप में रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल को चुना जबकि पृथ्वी शॉ को रिजर्व बल्लेबाज के रूप में रखा।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर रोहित शर्मा फिट है तो फिर उसे मौका मिलना चाहिए। मयंक अग्रवाल और रोहित शर्मा असल में सलामी बल्लेबाज होंगे और पृथ्वी सॉव आपका दूसरा विकल्प होगा।’’
भारत में टेस्ट और सीमित ओवरों के प्रारूप के लिये अलग अलग कप्तान रखने पर चर्चा चल रही है लेकिन मांजरेकर का मानना है कि अभी इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि विराट कोहली तीनों प्रारूपों में बल्लेबाज के रूप में पहली पसंद हैं। मांजरेकर से पूछा गया कि क्या भारत को भी हर प्रारूप में अलग कप्तान रखने की जरूरत है?
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उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपके पास ऐसा कप्तान है जो तीनों प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करता है तो फिर आपको प्रत्येक प्रारूप के लिये अलग कप्तान रखने की जरूरत नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी आपके पास विराट कोहली है जो तीनों प्रारूप में शानदार है इसलिए भारत को हर प्रारूप के लिये अलग कप्तान रखने की जरूरत नहीं है। भविष्य में ऐसा हो सकता है।’’
मांजरेकर ने कहा कि भारत भाग्यशाली रहा है कि उसके पास महेंद्र सिंह धोनी और कोहली जैसे कप्तान रहे और इसलिए अलग अलग कप्तानों की जरूरत नहीं पड़ी।
उन्होंने कहा,‘‘अगर भारत ऐसी स्थिति में आता है जहां उसके पास बेहतरीन टेस्ट कप्तान और टेस्ट खिलाड़ी है लेकिन वह 50 ओवर या टी20 में अच्छा नहीं है तो तब आप अलग प्रारूप के लिये अलग कप्तान रख सकते हो।’’
मांजरेकर ने कहा, ‘‘लेकिन भारत के पास अभी तीनों प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करने वाला कप्तान है। पूर्व में भी धोनी ऐसा कप्तान था। वह तीनों प्रारूप में कप्तान था और तीनों में अच्छा प्रदर्शन भी करता था। ’’