संजय माजरेकर ने बताया ये है सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर के बीच सबसे बड़ा अंतर
मांजरेकर का मानना है कि सचिन से पहले भारतीय टीम डिफेंसिव बल्लेबाजी के लिए जानी जाती थी।
कोरोनावायरस की वजह से इस समय सभी तरह के खेल ठंडे बस्ते में बड़े हैं। कुछ देशों ने अपने यहां फुटबॉल लीग और खिलाड़ियों का अभ्यास शुरू कर दिया है, लेकिन खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है। भारत में भी खेल को लेकर थोड़ी छूट दे दी गई है, लेकिन बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि उन्हें कोई जल्दी नहीं है। लॉकडाउन के दौरान सभी खिलाड़ी घर पर ही अपना समय बिताने पर मजबूर हैं। ऐसे में खिलाड़ी सोशल मीडिया पर अपने साथी खिलाड़ियों के साथ लाइव वीडियो चैट कर दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं।
हाल ही में भारत के पूर्व खिलाड़ी और मौजूदा कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने भारतीय ऑफ स्पिन आर अश्विन के साथ लाइव चैट की और इस दौरान उन्होंने एक मामले में सुनील गावस्कर से ऊपर सचिन तेंदुलकर को बताया।
मांजरेकर का कहना है कि सचिन भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो हावी होते और अच्छी गेंदों पर भी रन बनाते थे। वहीं गावास्कर के बारे में मांजरेकर ने कहा कि वह कुछ सत्र गेंदबाज को सम्मान दिया करते थे और फिर वो थकने के बाद खराब गेंद का इंतजार कर उस पर रन बनाया करते थे।
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इसी के साथ मांजरेकर ने बताया कि 90 के दशक में भारतीय टीम पूरी तरह से सचिन तेंदुलकर पर निर्भर हो गई थी। मांजरेकर ने कहा "सचिन तेंदुलकर ने साल 89 में पदार्पण किया। एक साल के अंदर उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 80 रनों की पारी खेली। 91/92 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने पहला शतक बनाया। पूरा विश्व उनकी तरफ उम्मीदों से देख रहा था। उम्र हमेशा से एक मुद्दा थी, वो सिर्फ 17 साल के थे। वो जिस तरह से विश्व स्तर के आक्रमण पर हावी होते थे वो देखने लायक था। हमारे लिए टीम में इसमें कोई शक नहीं था कि यह खिलाड़ी अलग स्तर का खिलाड़ी है।"
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उन्होंने आगे कहा "दुर्भाग्यवश, 96/97 तक टीम सचिन पर काफी हद तक निर्भर हो गई थी क्योंकि वह बेहद निरंतरता के साथ खेल रहे थे और वो भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो हावी होते और अच्छी गेंदों पर भी रन बनाते थे।"
मांजरेकर का मानना है कि सचिन से पहले भारतीय टीम डिफेंसिव बल्लेबाजी के लिए जानी जाती थी।