5 सालों में बेहतरीन रिपोर्टकार्ड देने के बाद संजय बांगड़ का छलका दर्द, किए दिलचस्प खुलासे
संजय बांगड़ ने 2014 में टीम इंडिया के साथ बतौर बल्लेबाजी कोच काम शुरू किया था। पिछले 5 सालों में टीम इंडिया ने इनके कार्यकाल में कई कीर्तिमान स्थापित किए।
वेस्टइंडीज दौरे की विजयी समाप्ति के बाद टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच रहे संजय बांगड़ का पिछले 5 साल से चला आ रहा बतौर बल्लेबाजी कोच का कार्यकाल अब समाप्त हो चूका है। ऐसे में टीम इंडिया के स्टाफ से बाहर होने के बाद संजय ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए इंटरव्यू में अपना रिपोर्ट कार्ड दिया है। उनका मानना है की टीम इंडिया के टेस्ट में नंबर वन बनने के बावजूद सिर्फ उन्हें टीम से निकाला जाना थोडा निराशाजनक है।
बांगड़ ने कहा, 'निराश होना स्वाभाविक था। कुछ दिनों तक मैं ऐसा रहा। लेकिन मैं बीसीसीआई और अन्य कोचों डंकन फ्लेचर, अनिल कुंबले और रवि शास्त्री का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे पांच साल तक भारतीय क्रिकेट की सेवा करने का मौका दिया। यह ब्रेक मुझे तरोताजा और खुद को दोबारा तलाशने का मौका देगा।'
गौरतलब है की संजय बांगड़ ने 2014 में टीम इंडिया के साथ बतौर बल्लेबाजी कोच काम शुरू किया था। इस तरह पिछले 5 सालों में टीम इंडिया ने इनके कार्यकाल में कई कीर्तिमान स्थापित किए। जिसमे ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में टेस्ट सीरीज हराना सबसे ख़ास रहा। हालांकि बांगड़ के लिए आईसीसी 2019 विश्वकप का सेमीफाइनल मैच उनके बाहर जाने का कारण बना। अब बांगड़ की जगह पूर्व खिलाड़ी विक्रम राठौड़ को नया बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया है।
ऐसा माना जा रहा है की उनके कार्यकाल में टीम इंडिया वनडे क्रिकेट में नंबर चार पर मजबूत बल्लेबाज की तलाश नहीं कर पाई जिसके चलते उसे विश्वकप में हार का खामियाजा भुगतना पड़ा। ऐसे में अपने कार्यकाल में नंबर चार को लेकर बांगड़ ने कहा, "पूरा टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ता सभी नंबर चार कौन सा बल्लेबाज खेलेगा इस निर्णय के लिए जिम्मेदार है। हमारी प्राथमिकता यह थी कि वर्तमान में जो भी बल्लेबाज पूरी तरह से फिट और फॉर्म में होगा उसे चुनेंगे इतना ही नहीं वो बाएं हाथ का हो या गेंदबाजी भी कर लेता हो तो चलेगा।"
संजय बांगड़ के कार्यकाल में पिछले दो साल से चार नंबर पर म्यूजिकल चेयर वाला गेम होता रहा। जिसमें अम्बाती रायुडू, के. एल. राहुल और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज घूमते रहे। यहाँ तक की अभी भी टीम इंडिया में नंबर चार का दावेदार स्थायी नहीं है।
वहीं इनके कार्यकाल के दौरान विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाजों के खेल में क्या सुधार किया इस बात का भी खुलासा किया है।
कोहली की बात करें तो उन्होंने बांगड़ के साथ पिछले चार साल में 43 शतक मारे हैं। ऐसे में कोहली में सुधार के बारें में बांगड़ ने कहा, "विराट हमेशा अपनी कमियों को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत किया करते हैं। हमने उनके संतुलन, क्रीज पर पोजिशन, सीमिंग कंडीशंस में उनकी अप्रोच पर काम किया।"
शिखर धवन ने बांगड़ के कार्यकाल में दमदार 18 शतक जड़े। ऐसे में उनको दिए इनपुट्स के बारे में बांगड़ ने कहा, 'शिखर शुरुआत में ऑफ-साइड के खिलाड़ी समझे जाते थे। वह गेंद की लाइन की साइड में रहते। हमने उनके साथ काम किया ताकि वह गेंद की लाइन के पीछे आकर खेल सकें। इससे उनके लिए रन बनाने के नए क्षेत्र खुल गए। इसके साथ ही शॉर्ट बॉल पर आउट होने की उनकी कमी को दूर करने का भी मौका मिला।'
टीम इंडिया के हिटमैन यानी उपकप्तान ररोहित शर्मा ने गुरु संजय बांगड़ के सानिध्य में 28 शतक जड़े। जिनके बारे में बांगड़ ने कहा, 'रोहित की बात करें, तो हमने एंगल के साथ फेंकी जाने वाली गेंदों पर उनकी हेड पोजिशन पर काम किया। जिससे उन्हें घर से बाहर विदेशी पिचों पर सफलता मिली।'
वहीं टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो टीम इंडिया की दूसरी 'द वाल' कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने उनके कार्यकाल में अपने बल्ले से 18 शतक जड़ें। जिस पर बांगड़ ने उनकी कमी के बारे में कहा, 'पुजारा के मामले में उनके स्टांस की चौड़ाई कम की और उन्हें थोड़ा और सीधा होकर खड़े होने की सलाह दी। इसके बाद ये उन खिलाड़ियों की मेहनत है कि उन्होंने पिछली बातें भूलकर नया सीखा।'
इस तरह संजय बांगड़ के सानिध्य में ओवरऑल चार साल के रिजल्ट पर नजर डालें तो ये बुरा नहीं है। टीम इंडिया ने इस दौरान 52 टेस्ट मैच खेले और कुल 30 में जीत हासिल की। टीम को 11 में हार का सामना करना पड़ा। इन 30 में से टीम ने 13 मैच विदेशी सरजमीं पर जीते। भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने इन 52 टेस्ट मैचों में 70 शतक लगाए।
जबकि वनडे क्रिकेट की बात करें तो बांगड़ के कार्यकाल में भारतीय टीम ने 122 में से 82 मैचों में जीत हासिल की। 35 मुकाबलों में उसे हार मिली। जबकि भारतीय बल्लेबाजों ने कुल 74 शतक जड़े। वहीं 66 टी20 इंटरनैशनल मैचों से टीम ने 43 मैच जीते और 21 हारे। जबकि 6 शतक भी लगे।